नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देश के नागरिकों को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने विपक्ष पर भी कई बड़े आरोप लगाए हैं। भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने लिखा कि सरकार के विकास की राजनीति पर जोर देने का अस्वीकृत एवं निराश दलों द्वारा वोट बैंक तथा विभाजनकारी राजनीति कर विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम विपक्षी दलों से विकास की राजनीतिक करने का आग्रह करेंगे। नड्डा ने कहा कि विपक्षी दलों की ‘‘वोट बैंक की राजनीति, विभाजनकारी राजनीति और चयनात्मक राजनीति की परखी गई या मुझे कहना चाहिए कि धूल में मिली और जंग खा चुकी सोच अब काम नहीं कर रही’’ क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ पर जोर दिए जाने से भारतीय सशक्त बन रहे हैं तथा उन्हें और ऊपर उठने के लिए पंख मिल रहे हैं।
विपक्षी दलों के संयुक्त बयान पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष ने देश की भावना पर सीधा हमला किया और मेहनतकश नागरिकों पर आक्षेप लगाए हैं। उन्होंने लिखा कि भारत के युवा बाधा नहीं, अवसर चाहते हैं। उन्होंने नागरिकों को लिखा कि आगे सोचें और योजना बनाएं कि हम सभी को कैसा महसूस होगा जब हम 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों, आयु वर्गों और विभिन्न क्षेत्रों के लोग गरीबों को हराने और भारत को प्रगति की नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए मिलकर सामने आए हैं। नड्डा ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष से आग्रह करूंगा कि वह अपना तरीका बदले और विकास की राजनीति को अपनाए।’’ उन्होंने कांग्रेस शासित राजस्थान के करौली में एक धार्मिक जुलूस के दौरान हुई साम्प्रदायिक हिंसा का भी जिक्र किया और विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि इस मामले पर उनकी चिंताजनक चुप्पी के पीछे क्या मजबूरी है। उन्होंने कई ऐसे दंगों का भी जिक्र किया, जो विपक्ष, खासकर कांग्रेस के शासन में हुए। उन्होंने विपक्ष शासित तमिलनाडु और महाराष्ट्र में हुई विभिन्न घटनाओं का भी उल्लेख किया।
उल्लेखनीय है कि विपक्ष के 13 नेताओं ने देश में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा और घृणापूर्ण भाषण संबंधी घटनाओं को लेकर शनिवार को गंभीर चिंता जताई थी और लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की थी। विपक्षी नेताओं ने इन मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘चुप्पी’’ पर भी सवाल उठाया था। संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा कि वे ‘क्षुब्ध’ हैं कि भोजन, वेशभूषा, आस्था, त्योहारों और जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिये किया जा रहा है। यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत 13 नेताओं ने जारी किया था।