वोट की खातिर ‘भगवा’ का इस्तेमाल संतों का अपमान: मुख्यमंत्री बघेल

Prashan Paheli

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि वोट की खातिर ‘भगवा’ का इस्तेमाल संतों का अपमान है।

मुख्यमंत्री ने साथ ही, यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की सोच और विचारधारा एडोल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के समान हैं। बघेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लोगों को एकजुट करने के लिए हमेशा काम किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा ही है, जिसने लोगों को बांटने के लिए भगवान राम के नाम का इस्तेमाल किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी राम वन गमन पर्यटन सर्किट परियोजना का रविवार को उद्घाटन किया था।

बघेल ने पीटीआई-के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘1975 से पहले, आरएसएस ने कभी राम मंदिर की बात नहीं की थी। जब उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि वे राम नाम रटकर वोट हासिल कर सकेंगे, तब उन्होंने इसका इस्तेमाल शुरू किया। अब वे बड़े रामभक्त हो गये हैं। कांग्रेस ने हमेशा लोगों को एकजुट करने के लिए काम किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भगवा रंग सर्वाेच्च बलिदान का संकेत है। भगवा उनके द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जो सर्वाेच्च बलिदान करते हैं। लेकिन वे (भाजपा) भगवा का इस्तेमाल वोट बटोरने के लिए कर रहे हैं। यह संतों का अपमान है। भाजपा स्वतंत्रता सेनानियों को अंगीकार करना तो चाहती है, लेकिन उनके उपदेशों और विचारों को नहीं।’’ कांग्रेस के भारतीय परम्पराओं के विकास एवं बढ़ोतरी के लिए काम करने की चर्चा करते हुए बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा की सोच एवं विचारधारा तानाशाह एडोल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के समान हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे मुसोलिनी से प्रभावित हैं।’’

आरएसएस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हाफ पैंट और काली टोपी पहननकर ड्रम बजाना हमारा रिवाज नहीं है। बी एस मूंजे ने मुसोलिनी से मुलाकात की थी और उनकी विचारधारा यहां लेकर आये थे। नेहरू ने मुसोलिनी के आग्रह के बावजूद उनसे मुलाकात नहीं की।

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