नयी दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच आज टू प्लस टू की बातचीत हुई है। इस बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वाशिंगटन में व्हाइट हाउस में आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की। भारत-अमेरिका आभासी शिखर सम्मेलन में भाग लिया जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने संबोधित किया। वहीं विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि आज मोदी-बिडेन वर्चुअल समिट में भाग लेने का सौभाग्य मिला। 2$2 बैठक को दिए गए मार्गदर्शन के लिए नेताओं को धन्यवाद। इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन प्प्प् के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहरा करने और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में गुणवत्ता और दायरे को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दोनों ने रक्षा उद्योगों के बीच घनिष्ठ सहयोग के तरीकों पर चर्चा की। रक्षा मंत्रालय ने भारत और अमेरिकी कंपनियों के बीच सह-विकास, सह-उत्पादन की आवश्यकता को रेखांकित किया और रक्षा उपकरणों के निर्माण और रखरखाव के लिए अमेरिकी कंपनियों को भारत में आमंत्रित किया। मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने सैन्य-से-सैन्य जुड़ाव, सूचना साझाकरण, उन्नत रसद सहयोग और संगत संचार व्यवस्था के तहत सशस्त्र बलों की क्षमता की समीक्षा की। इस संदर्भ में विशेष ऑपरेशन बलों का घनिष्ठ सहयोग प्रमुखता से सामने आया।
मंत्रालय ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के सभी पहलुओं की समीक्षा की। दोनों मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत और व्यापक हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व को स्वीकार किया। राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ सोमवार को डिजिटल बैठक में कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के “अस्थिर करने वाले प्रभावों” से निपटने के लिए अमेरिका और भारत करीब से सलाह मशविरा करना जारी रखेंगे। व्हाइट हाउस के साउथ कोर्ट ऑडिटोरियम में एक गोलमेज के सिरे पर बैठकर बाइडन ने यह बयान दिया। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, बाइडन के बाएं बैठे थे और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तथा रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन उनके दाहिने विराजमान थे।