कोरोना टीकाकरण पर भी पड़ने लगा कर्मचारियों की कमी का असर

Prashan Paheli

कोटद्वार। कोविड-19 के तहत आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों की कमी का असर अब कोरोना टीकाकरण पर भी पड़ने लगा है। कोविड के दौरान रखे गए कर्मचारियों की सेवा समाप्ति होने के बाद अब कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में डॉटा एंट्री ऑपरेटर की तैनाती नहीं है। अस्पताल में संविदा पर कार्यरत एक मात्र आयुष्मान कार्ड का डाटा इंट्री ऑपरेटर पहले अस्पताल के कार्य निपटाता है उसके बाद टीकाकरण की एंट्री के लिए पहुंचता है, जिसके कारण लोगों को घंटों तक टीकाकरण के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

कोटद्वार बेस अस्पताल में मरीजों का दबाव अधिक होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने बेस अस्पताल में कोरोना वैक्सीनेशन नोडल चिकित्साधिकारी की तैनाती कर अलग से कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनाया है। यहां पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण होता है। कोरोनाकाल के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अन्य 33 कर्मचारियों के साथ तीन डाटा एंट्री ऑपरेटर और चार बहुउद्देशीय कर्मियों की तैनाती भी की थी, जिनकी 31 मार्च को एक साथ सेवाएं समाप्त हो गई हैं। वर्तमान में आलम यह है कि लोग कोरोना की दूसरी और एहतियाती डोज लगवाने के लिए सुबह आठ बजे अस्पताल पहुंच जाते हैं। करीब 10-11 बजे डाटा एंट्री ऑपरेटर के आने के बाद टीकाकरण का कार्य शुरू होता है। घंटों इंतजारी करने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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