विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कल राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण मामले में सरकार की तरफ से की गई लचर पैरवी आंदोलनकारियों पर कुठाराघात कर गई, जिस कारण आंदोलनकारियों की नौकरी पर बन आई द्य सरकार मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन एवं अपने नोटिफिकेशन को बचाने में नाकामयाब रही यानी सरकार की मंशा आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा करना कतई नहीं था।
नेगी ने कहा कि एक तरफ सरकार खनन कारोबारियों के हितों की रक्षा हेतु मा. उच्च न्यायालय, नैनीताल में योजित खनन कारोबार से जुड़ी दो जनहित याचिकाएं 104/2019 व 212/2019 में सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया को विशेष तौर पर पैरवी हेतु आबद्ध (एंगेज) किया गया था, लेकिन राज्य आंदोलनकारियों के मामले में कोई मजबूत पैरवी नहीं की गई यानी दिल्ली से किसी बड़े सरकारी वकील को क्यों एंगेज नहीं किया गया ! नेगी ने कहा कि पूर्व में मा. उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांक 26/08/13 व 01/04/14 के द्वारा आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी तथा 07/03/ 2018 के द्वारा भी आदेश पर रोक लगा दी गई थी द्य उक्त के खिलाफ वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार द्वारा आंदोलनकारियों के समर्थन में विधेयक पारित कर राजभवन को भेजा गया था, लेकिन कई बार मिन्नतें करने के बावजूद भी विधेयक राजभवन में धूल फांक रहा हैं मोर्चा ने सरकार से आंदोलनकारियों के हितों की पैरवी मजबूती से करने की अपील की। पत्रकार वार्ता में टीकाराम उनियाल व जगदीश रावत मौजूद थे।