लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के दूसरे कार्यकाल का शपथ ग्रहण 25 मार्च को होगा। शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू कर दी गई है। 37 साल पुराना मिथक तोड़ कर इतिहास रचने वाले योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह शहीद पथ स्थित इकाना स्टेडियम में होगा। समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल में महिलाओं और युवाओं को खास तवज्जो मिलने का दावा किया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
वहीं, 200 से ज्यादा वीवीआइपी की लिस्ट भी तैयार कर ली गई है। समारोह में विपक्षी नेताओं को भी न्योता दिया जाएगा। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मायावती समेत कई विपक्षी नेताओं को न्योता दिया जाएगा। इसके साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भी न्योता दिया जाएगा। दोनों सरकारों के लाभार्थियों में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी होगी।
योगी मंत्रिमंडल में महिलाओं को मिल सकती है जगह
मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर पार्टी नेतृत्व के योगी आदित्यनाथ मंत्रणा कर चुके हैं। यूपी में सरकार गठन को लेकर अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को पर्यवेक्षक और सह पर्यवेक्षक बनाया गया है। शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची को योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने पर अंतिम रूप दे दिया जाएगा। मंत्रिमंडल में महिलाओं को खास तवज्जो देने की बात भी सामने आ रही है। बलिया के बांसडीह में पहली बार भाजपा का खाता खुलवाने वाली और 8 बार से विधायक रामगोविंद चैधरी को हराने वाली केतकी सिंह को भी योगी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
इसके साथ ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए रायबरेली सदर विधायक आदिति सिंह, सपा छोड़ भाजपा का दामन थामने वाली मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को भी मंत्री बनाया जा सकता है, इधर हाथरस सीट से पहली बार विधायक बनी अंजुला सिंह को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। फर्रुखाबाद से डॉक्टर सुरभि के साथ ही आगरा ग्रामीण की बेबी रानी मौर्य को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा जोरों पर है। वहीं अपर्णा को एमएलसी बनाकर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
नए चेहरों को मिल सकता है मौका
योगी सरकार 2.0 की कैबिनेट युवा होगी। इसके पीछे दो कारण है। खबर है कि 60 साल से ज्यादा उम्र वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में इस बार शायद ही जगह दी जाए। दूसरा कारण यह है कि इस बार करीब 25 नए चेहरों पर पार्टी ने भरोसा जताया है। सरकार के 10 मंत्री चुनाव हार चुके हैं। तीन पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं। ऐसे में योगी की पहली सरकार के इन 13 मंत्रियों की जगह नए विधायकों को मौका मिलेगा। इसके साथ ही इस बार मंत्रिमंडल 2024 को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, ऐसे में दलितों और ओबीसी विधायकों की मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी बढ़ेगी।
दिनेश शर्मा और केशव मौर्य की जगह नए डिप्टी सीएम
कहा जा रहा है कि दिनेश शर्मा के चुनाव न लड़ने और केशव प्रसाद मौर्य के हार जाने के बाद डिप्टी सीएम के पद पर नए चेहरे सामने होंगे। एक चेहरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का, तो दूसरा बेबी रानी मौर्य का हो सकता है।
15 पुराने मंत्रियों को फिर दी जाएगी जगह
योगी कैबिनेट में करीब 15 पुराने मंत्रियों को जगह मिलना बताया जा रहा है। इसमें सबसे अहम नाम केशव प्रसाद मौर्य का है। उन्हें चुनाव हारने के बाद भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसके अलावा सुरेश खन्ना, श्रीकांत शर्मा, बृजेश पाठक, सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, आशुतोष टंडन, नंद कुमार नंदी, कपिल देव अग्रवाल, जतिन प्रसाद, रविंद्र जयसवाल, लक्ष्मी नारायण चैधरी, भूपेंद्र चैधरी, जय प्रताप सिंह और अनिल राजभर के नाम भी मंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं।
इन नामों को लग सकती है मुहर
योगी कैबिनेट में 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार जातीय के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन भी साधा जाएगा। केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही 11 मंत्रियों के चुनाव हारने के कारण काफी संख्या में नए चेहरों को मौका मिलेगा। नई सरकार में शामिल होने वाले संभावित नामों में, हरदोई से नितिन अग्रवाल, कायमगंज से विधायक डॉ सुरभि, प्रयागराज की बारा सीट से विधायक वाचस्पति, इटावा से सरिता भदौरिया, मैनपुरी से जयवीर सिंह, मऊ से रामविलास चैहान, देवबंद से कुंवर बृजेश शामिल हैं।
इनके अलावा रुदौली अयोध्या से रामचंद्र यादव, फाजिलनगर से विधायक असीम राय, स्वामी प्रसाद मौर्य को हराने वाले सुरेंद्र कुशवाहा, विनय शंकर तिवारी को हराने वाले राजेश त्रिपाठी को भी मौका दिया जा सकता है। इनके साथ ही पुलिस की नौकरी छोड़कर विधायक बने असीम अरुण तथा राजेश्वर सिंह में से किसी एक का मंत्री बनना तय है बताया जा रहा है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के नाम की भी चर्चा है।
सहयोगी दलों में से इन चार नामों पर हो रही है चर्चा
निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर की चोरी चोरा सीट से विधायक बने हैं। वैसे तो संजय निषाद भी एमएलसी हैं, लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि वे अपने बेटे को मंत्री बनाएंगे। इसके साथ ही अपना दल से एमएलसी आशीष पटेल के अलावा एक और मंत्री अपना दल के कोटे से बनाया जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार अपने सहयोगी दलों के कोटे से चार मंत्री रख सकती है।