देहरादून। दून विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा वार्षिक गुणवत्ता प्रत्यायन पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता हेतु शैक्षणिक ंकार्यक्रमों मैं निरंतरता जारी रखने होगी, और इन कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने होंगे तभी हम अपने उद्देष्यों को प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि आज के वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर सफलता अर्जित करने हेतु आवश्यक गुर सिखाने की आवष्यकता है और इसके लिए अध्ययन एवं अध्यापन की प्रक्रिया को विद्यार्थी केद्रिंत बनाने की दिषा प्रयास करने होंगे। कुलपति ने कहा के नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया काफी पारदर्शी है और प्रत्येक विभाग एवं स्कूल को नेक के मानदंडों के अनुरूप षैक्षणिक कार्यक्रमों का संचालन कर गुणवत्ता के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिषा में कार्य करना होगा। है कार्यशाला को संबोधित करते हुए एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर विनय आनंद बोढ़ाई ने कहा कि नेक मूल्यांकन के सभी मानदंड शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों व्यक्तित्व विकास के महत्वपूर्ण आयाम है उन्होंने शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसे शोध कार्यक्रम, खेलकूद सांस्कृतिक, कार्यक्रम पुरातन छात्र सम्मेलन, राष्ट्रीय संगोष्ठी, प्लेसमेंट आदि कार्यक्रमों में विद्यार्थियों की अधिकतम भूमिका सुनिश्चित करने की पहल की और कहा के विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के शैक्षणिक व चारित्रिक विकास के लिए जाने जाते है, इसलिए प्रत्येक कार्यक्रम की संरचना विद्यार्थीयों को केंद्र में रखकर की जानी चाहिए, जिससे प्रत्येक विशय क्षेत्र में उनकी रूचि उत्पन्न हो सकेगी और वे समाज एवं राष्ट्र के विकास में सकारात्मक सहयोग दे पायेंगे। कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत एवं संचालन प्रोफेसर एच सी पुरोहित ने किया इस अवसर पर प्रोफेसर आर0 पी0 मंगाई प्रोसेसर हर्श डोभाल डॉक्टर राजेश कुमार डॉक्टर चेतना पोखरियाल डॉक्टर नरेंद्र रावल डॉ विजय श्रीधर डॉक्टर सविता कर्नाटक डॉ सुधांशु जोशी डॉक्टर चारू द्विवेदी डॉक्टर हिमानी शर्मा डॉ0 माला षिखा डॉ0 दीपिका भाटिया डॉ0 प्रीति मिश्रा डॉ0 सरिता आदि उपस्थित थे।