ऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने टीएचडीसीआईएल के कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में 2,500 करोड़ रु. के ऋण करार पर हस्घ्ताक्षर किए । यह ऋण करार मुख्घ्य रूप से टीएचडीसीआईएल की खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (1320 मेगवाट) और अमेलिया कोयला खदान के पूंजीगत व्यय(कैपेक्घ्स) की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया गया है।
ए. के. गर्ग, अपर महाप्रबंधक (वित्त), टीएचडीसीआईएल और एन. सी. रॉय, उप महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने करार पर हस्ताक्षर किए। यह करार जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) और ए. बी. गोयल, महाप्रबंधक (वित्त), टीएचडीसीआईएल की उपस्थिति में निष्घ्पादित किया गया। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की ओर से संजय कुमार, तकनीकी सचिव- निदेशक (वित्घ्त) एवं उप महाप्रबंधक, रश्मि शर्मा, कंपनी सचिव तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से ईश्घ्वर चन्घ्द मुख्घ्य प्रबंधक तथा पुनीत तलवार, वरि. प्रबंधक भी उपस्थित थे। जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) ने ऋण करार को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए टीएचडीसीआईएल और बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों की सराहना की। इसके साथ जे. बेहेरा ने कहा कि यह हमारे पारस्परिक संबंधों की शुरुआत है क्योंकि टीएचडीसीआईएल अपने व्यापार प्रचालन का विस्तार कर रहा है और इसी क्रम में संयुक्त उद्यम का गठन किया गया है तथा अनेक नए संयुक्घ्त उपक्रम बनाने की योजना भी है। उन्घ्होंने कहा कि टीएचडीसीआईएल को भावी समय में और अधिक धन की आवश्यकता होगी। जे. बेहेरा ने बताया कि इसे ध्यान में रखते हुए, बैंक ऑफ बड़ौदा और टीएचडीसीआईएल को इस तरह के और भी वित्तीय करार करने पड़ सकते हैं। टीएचडीसीआईएल भारत की अग्रणी विद्युत उत्पादन कंपनियों में से एक है। टिहरी बांध एवं एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी(400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट एवं द्वारका में 63 मेगावाट की पवन विद्युत परियोजनाओं, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं कासरगॉड केरल में 50 मेगावाट की सौर परियोजना के साथ टीएचडीसीआईएल की कुल संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हो गई है।