लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा लगातार जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश में है। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन की वजह से भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि, वर्तमान में देखें तो उत्तर प्रदेश में भाजपा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फ्रंट फुट पर खेल रही है। जबकि अखिलेश यादव कड़ी चुनौती देते हुए नजर आ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक के दावा कर रहे हैं कि किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि सरकार की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि जितना भाजपा ने किसानों के लिए काम किया है उतना कोई सरकार अब तक नहीं कर पाई है। खबर यह है कि योगी सरकार ने चुनाव से पहले किसानों के लिए कुछ ऐसा किया है जिसकी वजह से आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुत बड़ा फायदा पहुंच सकता है।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया राशि एक बड़ा मुद्दा रहता है। इन गन्ना किसानों को समय पर पैसा नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से इनमें सरकार के प्रति नाराजगी रहती है। लेकिन योगी सरकार ने गन्ना फसल के किसानों को 1.51 लाख करोड़ रुपए भुगतान कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा को इससे बड़ा लाभ हो सकता है। इतनी बड़ी राशि किसानों तक पहुंच गई है जिससे कि उनकी समृद्धि बढ़ेगी। इसके बाद भाजपा को इस बात की उम्मीद है कि किसानों से जुड़ी हुई बड़ी आबादी अब उसके पक्ष में वोट डालेंगे।
दूसरी ओर किसानों में भी खुशी की लहर है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा गन्ना किसान पश्चिमी क्षेत्र में है। ऐसे में भाजपा ने सीधे उन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश की है। इन सबके बीच खबर यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 जनवरी को 10 करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि योजना की दसवीं किस्त डालेंगे। यही कारण है कि भाजपा अब इस बात से उत्साहित है कि उसे किसानों का वोट मिलेगा। हालांकि किसानों को अपने पक्ष में करने के लिए पार्टी की ओर से कई और रणनीतियों पर काम किया जा रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि आखिर उत्तर प्रदेश के लड़ाई किस तरह की होती है और किसानों का वोट किसको मिलता है।