सुभाष चंद्र बोस को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी मां भारती के एक सच्चे सपूत का दर्जा हासिल है। उन्होंने 1943 में 21 अक्टूबर के दिन आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति के रूप में स्वतंत्र भारत की वैकल्पिक सरकार बनाई और उसे ‘आरजी हुकूमत-ए-आजाद हिंद’ का नाम दिया।
नयी दिल्ली। सुभाष चंद्र बोस को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी मां भारती के एक सच्चे सपूत का दर्जा हासिल है। उन्होंने 1943 में 21 अक्टूबर के दिन आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति के रूप में स्वतंत्र भारत की वैकल्पिक सरकार बनाई और उसे ‘आरजी हुकूमत-ए-आजाद हिंद’ का नाम दिया। 23 जनवरी 1897 को जन्मे सुभाष चंद्र बोस का मानना था कि अंग्रेजों के मजबूत शासन को केवल सशस्त्र विद्रोह के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है। 1921 में प्रशासनिक सेवा की प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर देश की आजादी की लड़ाई में उतरे सुभाष चंद्र बोस को उनके उग्र विचारों के कारण देश के युवा वर्ग का व्यापक समर्थन मिला और उन्होंने आजाद हिंद फौज में भर्ती होने वाले नौजवानों को ‘‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’’ का ओजपूर्ण नारा दिया।
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देश दुनिया के इतिहास में 21 अक्टूबर की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार हैः- 1296ः अलाउद्दीन खलिजी ने दिल्ली की गद्दी पर कब्जा किया। 1797: अमेरिकी नौसेना के लिए बनाए गए पहले मालवाहक जहाजों में से एक द कंस्टीच्यूशंस का बोस्टन में जलावतरण किया गया। 1805: स्पेन के तट पर ट्राफलगर की लड़ाई में फ्रांस और स्पेन की 33 पोत के बेड़े वाली संयुक्त नौसेना को ब्रिटेन की 27 पोत के बेड़े वाली नौसेना ने पराजित किया। 1833: स्वीडन के स्टॉकहोम में अल्फ्रेड नोबेल का जन्म हुआ जिन्हें डायनामाइट के खोजकर्ता के तौर पर जाना जाता है। उनके नाम पर कुल 355 पेटेंट हैं। नोबेल पुरस्कार के नाम से दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान स्थापित करने का श्रेय उन्हें जाता है। 1934: जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 1943: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने स्वतंत्र भारत की प्रांतीय सरकार बनाई।
1950: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी तिब्बत में दाखिल हुई और कुनलुन तथा हिमालय की विशाल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच 16000 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस आध्यात्मिक और शांतिप्रिय देश पर कब्जा कर लिया। 1954: भारत और फ्रांस ने पुडुचेरी, कराइकल, और माहे को भारतीय गणतंत्र में शामिल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। यह समझौता 1 नवम्बर से लागू हुआ। 2001ः दुनियाभर में खौफ का कारण बने एंथ्रैक्स ने अमेरिका में तीसरे व्यक्ति को अपना शिकार बनाया। डाक घर का एक कर्मचारीइस जानलेवा बीमारी से पीड़ित मिला।