देहरादून। जौनसार बावर के अनुसूचित जाति के स्याणा व प्रबुद्ध जनों की महापंचायत में सभी ने एक सुर से कहा कि एक 155 वर्ष पुरानी व्यवस्था को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। कहा कि एक तरफ पूरा देश आजादी के 75 वर्ष पूरा करने के दौर से गुजर रहा है। वहीं दूसरी ओर अनुसूचित जाति के लोगों का दमन करने वाली व्यवस्था को फिर से लागू करने की बात की जा रही है। जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
कालसी ब्लॉक सभागार में भारत संवैधानिक अधिकार मंच की ओर से आयोजित महापंचायत को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि व संयुक्त किसान मोर्चा के विधिक सलाहकार भानु प्रताप सिंह ने कहा कि डेढ़ सौ वर्ष पुरानी व्यवस्था को लागू करने वालों को सोचना चाहिए कि आजादी के 75 साल पूरे करने वाले देश पर कैसे यह व्यवस्था थोपी जा सकती है। कहा कि जौनसार बावर में अनुसूचित जाति के लोगों का जिस तरह से शोषण किया जाता है उसे कोई भी समाज किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकता है। भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक दौलत कुंवर ने कहा 22 अक्टूबर को सहिया के समालटा गांव में संपन्न हुई ठाकुरों की महापंचायत गैर संवैधानिक व आरएसएस का एजेंडा है, जिसे गांव-गांव तक पहुंचाना है। कहा कि जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के ठाकुर ब्राह्मणों के स्याणा को भगवा धारण करवाकर अनुसूचित जाति के लोगों का जिस तरह आजादी से पहले दमन किया गया है उसे आजादी के बाद भी बरकरार रखना है। जिसे किसी भी तरीके से सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। लोक कला मंच के संयोजक नंदलाल भारती ने अनुसूचित जाति के लोगों के ऊपर हो रहे संपूर्ण अत्याचारों पर प्रकाश डाला।