मेरठ। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गंगा एक बार फिर उफान पर आ गई है। मेरठ के हस्तिनापुर में जलस्तर बढ़ने से गंगा का तटबंध टूटने की आशंका बढ़ने से बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।फतेहपुर प्रेम, हरिपुर, शेरपुर, नई बस्ती, हंसापुर, परसापुर, सरजोपुर, हादीपुर गांवड़ी, भीमकुंड, बस्तोरा, जलालपुर जोरा आदि गांव में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।
पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई। बिजनौर बैराज पर तैनात अवर अभियंता पीयूष कुमार ने बताया कि शनिवार 12 बजे मिली रिपोर्ट के अनुसार हरिद्वार के भीमगोडा बैराज से गंगा का जलस्तर एक लाख 77 हजार क्यूसेक और बिजनौर बैराज से एक लाख 44 हजार क्यूसेक पानी चल रहा था। वही गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
हरिद्वार से छोड़ा गया पानी रविवार शाम खादर क्षेत्र में पहुंच गया। जिससे फतेहपुर प्रेम, हरिपुर, शेरपुर, नई बस्ती, हंसापुर, परसापुर, सरजोपुर, हादीपुर गांवड़ी, भीमकुंड, बस्तोरा, जलालपुर जोरा आदि गांव में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। उधर,किसानों के खेतों में धान और गन्ने की फसल तैयार खड़ी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि गंगा में आने वाली बाढ़ प्रत्येक वर्ष उन्हें प्रभावित करती है परंतु सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती। उनकी सदियों से क्षेत्र के पक्के तटबंध की मांग चली आ रही है। परंतु आज तक उन्हें पक्के तटबंध की सौगात नहीं दी गई। सरकार ने 18 करोड़ से फतेहपुर प्रेम के आसपास दो बड़ी परियोजनाओं से मात्र लगभग दो किलोमीटर के तटबंध का निर्माण कार्य ही पूर्ण किया है।
खादर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर गंगा इस समय और उफान पर आई और जलस्तर और बढ़ा तो कच्चे तटबंध पर खतरा बढ़ जाएगा। कच्चा तटबंध टूटने से खेतों में पानी भर जाएगा, जिससे उनकी फसल और वे खुद पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे। इसलिए शासन प्रशासन के अधिकारियों को कच्चे तटबंध को टूटने से बचाने के लिए समय रहते उचित उपाय करने होंगे। शनिवार सुबह से ही गंगा में अचानक जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र के लोग भयभीत हैं। वे लगातार जल स्तर बढ़ने की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों से ले रहे हैं। वही गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन द्वारा तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।