हरिद्वार में बाढ़ का कहर, 50 हजार एकड़ फसल बर्बाद; करोड़ों का नुकसान

Prashan Paheli

हरिद्वार: हरिद्वार में बाढ़ और बारिश से हाहाकार है. किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. स्थिति को देखते हुए बीजेपी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और किसानों की मुआवज़ा राशि बढ़ाने की मांग की. अभिजीत ठाकुर की रिपोर्ट. हरिद्वार में बाढ़ का कहर, 50 हजार एकड़ फसल बर्बाद, करोड़ों का नुकसान हर तरफ पानी ही पानी हरिद्वार में बाढ़ से हजारों एकड़ खेती बर्बाद हो गई है. भारतवर्ष की टीम जब हरिद्वार के सदूर गांवों तक पहुंची तो किसानों ने अपना दुख-दर्द सुनाया है. गांववालों का कहना है-बाढ़ और मूसलाधार बारिश से यहां पचास हज़ार एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फसल बर्बाद हो गई है. पीड़ित किसानों का कहना है बाढ़ में उनकी जमा पूंजी खत्म हो गई. ऐसे में अब किसानों ने सरकार से मुआवजे की राशि बढ़ाने की गुहार लगाई है.

भारतवर्ष की टीम ने अपनी तफ्तीश में पाया है कि इस साल बाढ़ ने केवल पहाड़ी इलाकों पर ही नहीं बल्कि मैदानी क्षेत्र में भी क़हर बरपाया है. हालात को देखते हुए पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन ने भी कहा है – सरकार का घोषित मुआवजा नाकाफ़ी है. किसानों का नुकसान ज्यादा है. किसानों को उसके मुताबिक ही राहत पैकेज मिलना चाहिए. हजारों एकड़ गन्ना बर्बाद हरिद्वार में मुसीबत की बारिश से नदियों में उफ़ान है. यहां कई इलाके जलमग्न हैं. हज़ारों एकड़ खेती की ज़मीन बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो गई. खानपुर ब्लॉक के प्रह्लादपुर गांव के रहने वाले जीतेन्द्र कुमार का कहना है – चालीस बीघा गन्ना लगाया था, सब बर्बाद हो गया. वापस एक रुपया नहीं आया. दो बार गन्ने लगाये, एक बार बारिश ने बर्बाद किया तो दूसरी बार बांध टूटने से सब खत्म हो गया.

वहीं किसान सुमित कुमार ने भारतवर्ष को बताया कि इनकी करीब पचास बीघे की खेती बर्बाद हो गई. खेत में फसलें सड़ने लगी हैं. जल्द ही सूख कर पीली हो जाएंगी. लस्कर गांव के प्रधान रंजीत सिंह बताते हैं खेतों में लगे पानी का रंग काला है. ये सिर्फ बरसात या नदी का पानी नहीं बल्कि इसमें आस पास इंडस्ट्रीज़ के हानिकारक कैमिकल्स भी हैं, जिसके कारण पानी ज़हरीला हो गया है.

सरकार ने फ़ौरी तौर पर मुआबजे के रूप में ग्यारह सौ रुपये प्रति बीघा मुआवज़ा और 3 महीने के बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा कर दी है. लेकिन ना तो किसान और खुद बीजेपी के नेता ही इसे पर्याप्त मानते हैं. बीजेपी के नेता और लस्कर के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने भारतवर्ष से बातचीत में कहा कि किसानों को कम से कम बारह हजार रुपये प्रति बीघा मुआवज़ा मिलना चाहिये. उनका कहना है – उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से भी इसके लिये बात की है.

Next Post

भूस्खलन से चार मकान जमींदोज, सात मवेशी जिंदा दफन

टिहरी: दूरस्थ कोट गांव में भारी मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन हो गया| जिसके चलते चार मकान मलबे की चपेट में आ गये। घटना में दो मकान पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गए और दो घरों के छत में मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे में सात मवेशी मलबे में […]

You May Like