मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश को आवासीय विद्यालयों से संतृप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि छात्रावासों को विद्यालयों के भाग के रूप में ही तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे दूरस्थ क्षेत्र जहां सड़कों एवं आधारभूत सुविधाओं की कमी के कारण उत्कृष्ट विद्यालय में शामिल नहीं किया जा सकता, ऐसे स्कूलों के पास लगे कस्बों और छोटे शहरों में आवासीय विद्यालय तैयार किए जाएं। इससे इन दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चे भी हॉस्टल में रहकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 2, 3 मॉडल लैब भी तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन मॉडल लैब को टॉप क्लास का बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि छात्रों को रोस्टर के आधार पर इन प्रयोगशालाओं में भेजा जाए। प्रत्येक छात्र को प्रयोगात्मक कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशालाएं आसपास के स्कूलों के सभी बच्चे प्रयोग कर सकें, इसके लिए कौन से स्कूल को किस प्रयोगशाला में जाना है इसका रोस्टर भी तैयार किया जाए।
इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन एवं महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।