कमला नेहरू अस्पताल में पीडब्लूडी और सीपीए के इंजीनियरों व अधिकारियों ने देर रात उस वार्ड का निरीक्षण किया, जहां आग लगी थी। जिसके बाद पता चला है कि जिस वार्ड में आग लगी, वहां 10 बेड थे।
भोपाल। राजधानी भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में वॉर्मर फटने से आग लगी थी। पीडब्लूडी के इंजीनियर और पीआईयू विंग के अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है। जांच में पता चला है कि वॉर्मर खराब हो गया था, लेकिन इस पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया।
दरअसल कमला नेहरू अस्पताल में पीडब्लूडी और सीपीए के इंजीनियरों व अधिकारियों ने देर रात उस वार्ड का निरीक्षण किया, जहां आग लगी थी। जिसके बाद पता चला है कि जिस वार्ड में आग लगी, वहां 10 बेड थे। हर बेड पर एक वॉर्मर यूनिट लगी थी। इसमें से एक में खराबी होने से धुआं उठा, लेकिन स्टाफ ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
वहीं इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में डॉक्टर्स और नर्सों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को सुरक्षित निकाला है।
इसी कड़ी में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हो सकता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी हो। उन्होंने कहा कि वार्ड के अंदर की स्थिति बेहद डरावनी है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि अस्पताल का मेंटेनेंस राजधानी परियोजना परिक्षेत्र के हाथों में है।
भोपाल कमिश्नर गुलशन बामरा ने अस्पताल परिसर में बैठक बुलाई थी। इसमें निर्णय लिया गया कि बच्चों के प्ब्न् वार्ड को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। अभी हमीदिया ने तीसरी मंजिल को नवजात बच्चों के लिए लिया था।