दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा पर बिहारी गुंडा कहने का आरोप लगाया। हालांकि राजनीति में यह पहला मौका नहीं है जब क्षेत्र को लेकर नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं। निशिकांत दुबे के दावे के बाद से बिहार की राजनीति गर्म हो गई है। विपक्ष हो या फिर सत्तापक्ष, दोनों ममता बनर्जी और महुआ मोइत्रा से इसको लेकर सफाई देने की मांग कर रहे हैं। इन सबके बीच राहुल गांधी का भी एक बयान याद आने लगा जो उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव से पहले दिया था। केरल में चुनावी प्रचार के लिए पहुंचे राहुल गांधी ने फरवरी में कहा था कि उत्तर भारत में 15 सालों तक सांसद के तौर पर रहा। वहां की राजनीति अलग थी। उन्होंने कहा कि शुरुआती 15 साल में उत्तर भारत से सांसद था। मुझे वहां अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। लेकिन केरल आना ताजगी भरा अनुभव है।
इसके आगे राहुल गांधी ने कहा था कि मैंने केरल में पाया कि यहां से लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और ना केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों के विस्तार से समझ रखते हैं। अपने इस बयान के बाद राहुल गांधी चैतरफा घिर गए थे। राहुल गांधी पर उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं ने जमकर पलटवार किए थे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तो राहुल गांधी पर यह तक कह दिया कि उनकी बांटो और राज करो वाली राजनीतिक काम नहीं करेगी। भाजपा अध्यक्ष ने राहुल गांधी के इस वक्तव्य को लेकर ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ दिन पहले वह पूर्वोत्तर में थे जहां वह भारत के पश्चिमी हिस्से के खिलाफ बात कर रहे थे। आज वह दक्षिण भारत में थे और उत्तर के बारे में जहर उगल रहे हैं। नड्डा ने कहा था कि लोगों ने इस तरह की राजनीति को नकार दिया है।
राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा था कि एक कहावत है कि अंगूर खट्टे हैं। लेकिन लोकतंत्र में एक नेता को जनता के प्रति इतनी घृणा है। एक लोकसभा क्षेत्र यानी अमेठी की जनता ने बिना काम के भी राहुल गांधी के प्रति 15 साल तक उदारता दिखाई। उस लोकसभा क्षेत्र के लोगों का राहुल गांधी ने अपमान किया है। भले ही राहुल गांधी के उस बयान को लेकर राजनीति कुछ दिनों में थम गई। लेकिन जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश चुनाव नजदीक आएगा वैसे वैसे इस बयान को उछाला जाएगा। इस बयान से भाजपा राजनीतिक बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगी।