औरंगाबाद। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के निवासियों ने पूर्व में निजाम शासन के ‘‘अन्याय’’ के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और अब वे कोरोना वायरस संक्रमण से बखूबी निपट रहे हैं। ‘मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिन’ के अवसर पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र का वास्तविक विकास अब शुरू हुआ है और उन्होंने परभनी जिले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और हिंगोली जिले में हल्दी प्रसंस्करण इकाई की घोषणा की। ठाकरे ने यहां सिद्धार्थ गार्डन में मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम स्मारक का दौरा किया और मुक्ति आंदोलन के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।
मध्य महाराष्ट्र में मराठवाड़ा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा 1948 से पहले निजाम शासन के अधीन था। ठाकरे ने कहा, ‘‘मराठवाड़ा के निवासियों ने निजाम के अन्याय का सामना किया,उन्होंने निजाम के खिलाफ लड़ना जारी रखा। यहां के लोगों ने निजाम राज्य का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया और भारत को अपना देश स्वीकार करते हुए इसमें शामिल हो गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल मैं महामारी के कारण यहां नहीं आ सका। यहां के निवासियों ने पहले निजाम शासन के साथ लड़ाई लड़ी है, वैसे ही वे अब महामारी से अच्छी तरह लड़ रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लिए विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘मराठवाड़ा संतों की भूमि है और इसलिए हम एक संत पीठ शुरू करने जा रहे हैं, एक ऐसा संस्थान जो यहां डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में संतों के उपदेशों को पढ़ाएगा। भविष्य में यह एक अलग विश्वविद्यालय बन जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निजाम काल की संरचनाएं गौरवान्वित नहीं करती हैं। हम क्षेत्र में निजाम युग के 150 स्कूलों के भवनों के पुनर्विकास की योजना बना रहे हैं। सरकार ने परभनी में एक मेडिकल कॉलेज की भी योजना बनाई है। इसके अलावा औरंगाबाद शहर में सड़कों और एक भूमिगत जल निकासी लाइन की योजना और परभनी में जलापूर्ति योजना के लिए धन आवंटित किया जाएगा। जालना-नांदेड़ एक्सप्रेस-वे मराठवाड़ा के विकास में और योगदान देगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार औरंगाबाद को अन्य स्थानों से जोड़ने पर काम करेगी।