भूपेंद्र यादव ने चिड़ियाघर चलाने के लिए निजी भागीदारी की वकालत की

Prashan Paheli

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, यादव ने गुजरात में नर्मदा जिले के केवडिया में ‘चिड़ियाघर निदेशकों और पशु चिकित्सकों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन’ में वन अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह समझाने का प्रयास किया।

केवडिया। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि देश में चिड़ियाघर चलाने के लिए कॉरपोरेट और गैर-सरकारी संगठनों सहित निजी कंपनियों की भागीदारी की भी जरूरत है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, यादव ने गुजरात में नर्मदा जिले के केवडिया में ‘चिड़ियाघर निदेशकों और पशु चिकित्सकों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन’ में वन अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह समझाने का प्रयास किया कि जिस प्रकार कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा संचालित चिड़ियाघरों में आय गिर गयी, वैसे में निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण हो जाती है।

यादव ने दो-दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र में कहा, ‘‘एक सुझाव था, जिसके लिए मंत्रालय ने एक समिति भी बनाई है। चिड़ियाघर ज्यादातर प्रवेश टिकटों की बिक्री से कमाते हैं, लेकिन चिड़ियाघर लगभग दो साल से बंद थे। इसके बावजूद, अधिकारियों ने कठिन परिस्थितियों में भी जानवरों को बचाने के लिए शानदार काम किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से निजी क्षेत्र को इसमें शामिल किया जा सकता है।’’ जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा बनाए जा रहे एक मेगा चिड़ियाघर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यहां एक प्रस्तुति देखी और मैं उससे बहुत प्रभावित हूं। कई अन्य आगे आए हैं और उन्होंने हमारे साथ साझेदारी की है।’’

उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने यह समझने के लिए एक समिति गठित की है कि क्या इस उद्देश्य के लिए शीर्ष संगठन बनाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि कॉर्पोरेट क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों और आम नागरिकों को इस पीपीपी मॉडल का हिस्सा बनने के लिए आगे आने की जरूरत है। यादव ने विभिन्न राज्यों के 100 से अधिक चिड़ियाघर निदेशकों और मुख्य वन्यजीव वार्डन को संबोधित करते हुए कहा कि समिति को एक विशिष्ट समय अवधि में एक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

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