केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आज मेड-इन-इंडिया कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज लिस्टिंग आईसीएमआर के लिए अनुमति दी। इस अवसर पर मैं डब्ल्यूएचओ और भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।
नयी दिल्ली। छोटी दिवाली के दिन आज दुनिया ने भारत की मेडिकल पहुंच को माना है। कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ के द्वारा मंजूरी मिल गई है। कोवैक्सीन यानी भारत के द्वारा कोविड से लड़ाई करने वाला वो वैक्सीन जिसे भारत ने निर्मित किया है। अब उसे डब्ल्यूएचओ का सर्टिफिकेशन मिला है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज लिस्टिंग(म्न्स्) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिली। कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिलने के बाद अब वैक्सीन लेने वाले बिना रोक-टोक के विदेश यात्रा कर सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने आईसीएमआर और भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों को दी बधाई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने आज मेड-इन-इंडिया कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज लिस्टिंग के लिए अनुमति दी। इस अवसर पर मैं आईसीएमआर और भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।
कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव
कोवैक्सीन ने लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है और वायरस के नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा दर्शाई है। कोवैक्सीन विकसित करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को टीके की आपात उपयोग सूचीबद्धता (ईयूएल) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को रूचि पत्र सौंपा था। इसके बाद से ही कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने का इंतजार था।