भारत ने जी20 देशों से साक्ष्य आधारित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का किया आग्रह

Prashan Paheli
वाशिंगटन:  भारत-अमेरिका वार्षिक बायोफार्मा एवं स्वास्थ्य देखभाल शिखर सम्मेलन से पहले, एक शीर्ष भारतीय अधिकारी ने जी20 देशों से साक्ष्य-आधारित अनुसंधान पर सहयोग करने और ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है। इस शिखर सम्मेलन में वैज्ञानिक, शिक्षाविद, उद्योगपति और दोनों देशों के अधिकारियों को हिस्सा लेना है। भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने रविवार को यूएसए-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स (यूएसएआईसी) द्वारा जारी एक बयान में कहा, मैं जी20 सदस्य देशों, व्यवसायों, शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों से आग्रह करता हूं कि वे स्वास्थ्य प्रणालियों में तैयारियों को सुनिश्चित करने और अनुकूल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करने के लिए साक्ष्य-आधारित अनुसंधान और विश्लेषण पर सहयोग करें और ध्यान केंद्रित करें। यूएसएआईसी ने 3 मई को अपना 17वां वार्षिक बायोफार्मा एवं स्वास्थ्य देखभाल शिखर सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा भी की। कांत ने कहा कि जी20 सदस्य देश नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए मजबूत और लचीली स्वास्थ्य प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए समान जिम्मेदारी साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि जी20 के तहत अनुसंधान और नवाचार पहल सभा (आरआईआईजी), विज्ञान20, स्टार्टअप20 का उद्देश्य अनुसंधान, नवाचार, साझेदारी और सहयोग के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक समानता हासिल करना है। सम्मेलन को कांत के अलावा भारत के अन्य अधिकारी एवं उद्योगपति संबोधित करेंगे। इनमें डॉ. विनोद पॉल (सदस्य, नीति आयोग), किरण मजूमदार शॉ, डॉ. नरेश त्रेहन, डॉ. शिव सरीन और डॉ. कृष्णा एल्ला शामिल हैं। अमेरिका फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन आयुक्त डॉ. रॉबर्ट कैलिफ भी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
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