नयी दिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ हुई बैठक के बाद भारत और जापान के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-जापान आर्थिक साझेदारी के बीच आर्थिक साझेदारी में प्रगति हुई है। जापान भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। भारत-जापान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर श्वन टीम-वन प्रोजेक्टश् के रूप में काम कर रहे हैं। जापान अगले पांच वर्षों में भारत में 5 ट्रिलियन येन या 3.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आज की हमारी चर्चा ने हमारे आपसी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया। हमने विपक्षीय मुद्दों के अलावा कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया। हमने यूनाइटेड नेशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपना समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया।जापान के पीएम किशिदा ने कहा कि आज पूरी दुनिया कई घटनाओं के कारण हिल गई है, भारत और जापान के बीच घनिष्ठ साझेदारी होना बहुत जरूरी है। हमने अपने विचार व्यक्त किए, यूक्रेन में रूस के गंभीर आक्रमण के बारे में बात की। हमें अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। किशिदा ने कहा कि हमारे दोनों देशों को खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रयास बढ़ाने चाहिए। जापान, भारत के साथ, युद्ध को समाप्त करने की कोशिश करता रहेगा और यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करता रहेगा। द्विपक्षीय व्यापार संबंधों का जिक्र करते हुए किशिदा ने कहा कि जापान का अगले पांच वर्षों में भारत में ‘पांच ट्रिलियन येन’ (3,20,000 करोड़ रुपये) का निवेश लक्ष्य है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने घोषणा की है कि अगले पांच वर्षों में हम भारत में पांच ट्रिलियन येन का निवेश करेंगे और अपने सहयोग को और मजबूत करेंगे।’’