उत्तरकाशी। बीते 18 जुलाई को मांडव गांव में अतिवृष्टि से आपदा पीडितों के घाव हरे हैं। मांडव निवासी रामभजन भट्ट व भाजपा जिला महामन्त्री किसान मोर्चा ने सोशल मीडिया के माध्यम से आपदा के मानकों में बढ़ोतरी करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा जो आपदा प्रभावितों को मुआवजा राशि दी जा रही है वह ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। उन्होंने कहा कि बीते 18 जुलाई को मांडव आदि गांवों में भीषण जल प्रलय हुई जिसमें 3 लोगों की जान भी गयी थी। और कई आवासीय भवन व खेती इस प्रलयकारी बाढ़ में बह गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्रामीणों की पीड़ा को समझ कर इस विकट परिस्थिति में हमारी ग्राम सभा में मृतक आश्रितो कों व प्रभावित लोगों से मिलने आये। इस के लिए हमारी ग्राम सभा सीएम की आभारी रहेगी, लेकिन जो आपदा के मानक है हमारे अनुकूल नहीं। जिन लोगों ने अपने मकान खोये, उनका मकान एक लाख उन्नीस सौ में कैसे बनेगा? यहां लगभग 35 परिवारों के घर की निचली मंजिल में मलबा भर गया। प्रभावितों को 3800 की रहत राशि दी गयी। जबकि उस भारी मलबे को साफ करने में ही प्रभावित लोगों को काफी बड़ी रकम खर्च करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि कास्तकारों की सिंचित खेती जो बह गयी हें उसका सर्किल रेट 5 लाख से ऊपर है। जबकि स्थानीय पटवारी ने एक नाली का 280 रूपये मानक धनराशि से मुआवजा देने की बात कही है। उन्होंने मुख्यमंत्री अनुरोध किया कि प्रभावितों की पीड़ा समझ कर जिलाधिकारी से प्रभावितों के घर जा कर उन की पीड़ा समझ कर आपदा के मानकों मे बढोतरी की जाये।