देहरादूनः उत्तराखंड में भाजपा ने मिशन 2024 पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसके लिए सभी सांसदों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। साथ ही लोकसभा की पांचों सीट को दोबारा जीतने के लिए भाजपा ने अभी से रणनीति तैयार कर ली है। भाजपा ने हर बूथ पर जीत के लिए खास प्लानिंग की है। खासकर जिस बूथ पर पार्टी कमजोर है।
सीएम धामी के साथ उत्तराखंड से भाजपा के सांसदों ने चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की है। वर्तमान में उत्तराखंड की पांचों सीट भाजपा के खाते में है। ऐसे में 2024 में फिर से पांचों सीट भाजपा की झोली में डालने के लिए प्रदेश संगठन और सीएम धामी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। इसके लिए बूथ प्रबंधन के लिए तय किया गया कि हर सांसद को ऐसे बूथ पर काम करना होगा जहां पार्टी कमजोर है। प्रत्येक सांसद महीनें के 15 दिन ऐसे बूथ पर जाकर कार्यक्रम करेंगे लोेकसभा चुनाव से पहले पार्टी बूथ प्रबंधन के लिए कमजोर और हारे हुए बूथों को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए पन्ना टोली के साथ बूथों में कार्यक्रम होंगे।
इस दौरान केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के विकास कार्यों को जनता के बीच पहुंचाने का काम किया जाएगा। इसके लिए सांसदों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। अभी से लोकसभा चुनावों में सिटिंग सांसदों की परफोर्मेंस की भी मॉनिटरिंग शुरू हो गई है। एक से दो सीटों पर पार्टी चेहरा भी बदल सकती है। जिससे अभी से पार्टी के अंदर इस बात को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। वर्तमान में नैनीताल से केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, हरिद्वार से डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, पौड़ी से तीरथ सिंह रावत, अल्मोड़ा से अजय टम्टा और टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी शाह सांसद हैं।
ऐसे में इन सभी चेहरों को दोबारा चुनाव लड़ने के लिए खुद को प्रुफ भी करना होगा। सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई हाईप्रोफाइल मीटिंग में टिहरी की सांसद माला लक्ष्मी शाह को छोड़कर सभी लोकसभा सांसद, राज्यसभा से नरेश बंसल और कल्पना सैनी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार उपस्थित रहे।