देहरादून: मुख्यमंत्री ने कहा कि बीज बम अभियान की शुरूआत मानव और वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा में सराहनीय कदम है।
शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘बीज बम अभियान सप्ताह’ का शुभारंभ किया। हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान ‘जाड़ी’ द्वारा यह बीज बम अभियान सप्ताह 09 जुलाई से 15 जुलाई 2022 तक चलाया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित पुस्तक ‘हिमालयी जन सरोकार’ का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान द्वारा द्वारिका प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में बीज बम अभियान की शुरूआत कर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। यह मानव एवं वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा में सराहनीय कदम है। समय के साथ जैव विविधता प्रभावित हो रही है। जंगली जानवरों को जंगलों में खाद्य की उपलब्धता हो, इस दिशा में बीज बम अभियान एक अच्छा प्रयोग है। यह वैज्ञानिक तरीके से चलाया जा रहा अभियान है, जिसमें खर्चा भी बहुत कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी अभियान जन भागीदारी से ही बड़ा अभियान बनता है। सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान तभी सफल होते हैं, जब उनमें अधिक से अधिक जन सहभागिता हो। हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन कर क्या दे सकते हैं, इस बारे में सबको गम्भीरता से सोचना होगा और इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है। इकोलॉजी के संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार अनेक कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड में सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) का आकलन किया जा रहा है। राज्य सरकार इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में सामंजस्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 में विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी राज्यों में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनाएंगे। विभागों, संस्थानों एवं सामाजिक क्षेत्र से लोगों की ओर से प्रदेश हित में क्या किया जा सकता है, इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीज बम अभियान को व्यापक स्तर तक ले जाना होगा।
इस मौके पर डॉ.मोहन सिंह रावत ‘गांववासी’,बीज बम अभियान के संस्थापक द्वारिका सेमवाल, पूर्व प्रमुख वन संरक्षक जयराज,मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी प्रशांत आर्य,कुलपति एस.जी.आर.आर यूनिवर्सिटी डॉ.यू. एस.रावत, प्रो.एम.एस.पंवार, प्रो.एम.एस.एम.रावत, डॉ.अरविन्द दरमोड़ा, एम्स ऋषिकेश से डॉ.संतोष, सावित्री उनियाल, वर्चुअल माध्यम से राज्य के विभिन्न जनपदों से जुड़े अधिकारी और इस अभियान से जुड़े लोग शामिल थे।