चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती रुख अपनाने के एक दिन बाद चार कैबिनेट मंत्रियों ने देहरादून में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव हरीश रावत से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पार्टी और सरकार को कोई खतरा नहीं है और हमारी जीत को भी कोई खतरा नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि 4 मंत्रियों और 3 विधायकों ने मुलाकात की। इस दौरान उन लोगों ने अपनी चिंताओं से मुझे अवगत कराया। वो पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है। हम चाहते हैं कि चुनाव में हम एक स्पष्ट रोडमैप के साथ जाएं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जिला और राज्य प्रशासन की कार्य पद्धति को लेकर उनकी कुछ शिकायतें भी हैं। कांग्रेस का कोई विधायक अगर अपने को असुरक्षित समझता है और समझता है कि प्रशासन उसको हराने की कोशिश कर सकता है या उसके खघ्लिाफ काम कर सकता है तो ये चिंताजनक बात है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी से कोई नाराजगी है तो नाराजगी कांग्रेस के रास्ते में नहीं आनी चाहिए। कांग्रेस के लिए बहुत आवश्यक है कि वो पंजाब में मिलकर चुनाव लड़े। मंत्रियों ने और विधायकों ने मुझे आश्वासन दिया कि उनका पार्टी में और पार्टी आलाकमान में पूरा विश्वास है।
इससे पहले हरीश रावत ने स्पष्ट किया था कि कांग्रेस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के नेताओं ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें बदलने की मांग की थी। इसके अलावा उन लोगों ने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से भी मिलने का समय मांगा था।