नयी दिल्ली। पैडलर भावना पटेल ने टोक्यो पैरालिंपिक में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और विश्व की तीसरी नंबर की रेंक पर रहने वाली टेबल टेनिस की खिलाड़ी झांग मियाओ को हराकर महिला एकल वर्ग 4 के स्वर्ण पदक मैच में प्रवेश किया।
पैडलर भाविना पटेल ने टोक्यो पैरालिंपिक में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और विश्व की तीसरी नंबर की रेंक पर रहने वाली टेबल टेनिस की खिलाड़ी झांग मियाओ को हराकर महिला एकल वर्ग 4 के स्वर्ण पदक मैच में प्रवेश किया। पीसीआई अध्यक्ष ने भावना की सेमीफाइनल जीत के लिए उनका काफी तारीफ की। खेल मंत्री किरेन रीजजू ने भी भावना की तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्हें बधाई दी।
भारत की भाविनाबेन पटेल लगातार इतिहास रचते हुए पैरालम्पिक टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई जिन्होंने चीन कीमियाओ झांग को क्लास 4वर्ग में 3 . 2 से हराया। पटेल ने दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी को 7.11, 11.7, 11.4, 9.11, 11.8 से हराकर भारतीय खेमे में भी सभी को चैंका दिया। अब उनका सामना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ से होगा। गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया। बारह वर्ष की उम्र में पोलियो की शिकार हुई पटेल ने कहा ,‘‘ जब मैं यहां आई तो मैने सिर्फ अपना शत प्रतिशत देने के बारे में सोचा था। अगर ऐसा कर सकी तो पदक अपने आप मिलेगा। मैने यही सोचा था।
भारत की पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने टोक्यो पैरालिंपिक में महिला एकल के फाइनल में पहुंचने वाली पैडलर भाविना पटेल से बातचीत की। पटेल कहती हैं, ‘‘मैंने कभी खुद को विकलांग नहीं माना। आज मैंने साबित कर दिया है कि कुछ भी असंभव नहीं है।‘‘
भाविना के पिता हसमुखभाई पटेल ने कहा मैं आज बहुत खुश हूं। भावना पटेल निश्चित रूप से गोल्ड मेडल जीतने वाली हैं। पिछले 20 सालों से टेबल टेनिस खेल रही हैं।