हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले की विस्तृत समीक्षा करने और दोषियों को नहीं बख्शने की बात कही है लेकिन सवाल तो उठता ही है कि जब राज्य में साल 2016 से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है तो यह शराब बिक कैसे रही थी।
पटना। चुनावों में नारा चलता है कि बिहार में बहार है क्योंकि यहां नीतीश कुमार हैं लेकिन दीपावली पर्व पर जिस तरह जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हुई उससे बिहार में हाहाकार है और नीतीश सरकार पर विपक्ष हमलावर है। इस मुद्दे पर आज की रिपोर्ट में बात करेंगे साथ ही बताएंगे क्यों आर्यन खान मामले की जाँच से समीर वानखेड़े को हटा दिया गया है। इसके अलावा बात करेंगे भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक की और बताएंगे दिल्ली में सिनेमाघर खुलने पर क्या कह रहे हैं दर्शक।
बिहार में हालिया जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे नीतीश कुमार सरकार राजनीतिक रूप से घिर गयी है हालांकि मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की विस्तृत समीक्षा करने और दोषियों को नहीं बख्शने की बात कही है लेकिन सवाल तो उठता ही है कि जब राज्य में साल 2016 से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है तो यह शराब बिक कैसे रही थी। बहरहाल, अवैध शराब की बिक्री को लेकर कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं और गलती करने वाले अधिकारियों को सजा भी दी गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब प्रतिबंधित राज्य में लोगों को मदिरा पीने से दूरी बनाने के लिए नये सिरे से अभियान शुरू करने का आह्वान किया है। जहरीली शराब का सर्वाधिक कहर पश्चिम चम्पारण और गोपालगंज जिलों में देखने को मिला है। पुलिस ने इस संबंध में कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं और कई पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गयी है।