पद्म पुरस्कारों से से सम्मानित लोगों की सूची में इस बार ऐसे गुमनाम चेहरे शामिल थे, जो लोकप्रियता की चकाचैंध से दूर समाज में अपना योगदान दे रहे हैं। जिस तरह केंद्र सरकार आम आदमी को खास सम्मान दे रही है, उसी तरह हम सभी को अपने जीवन में ऐसे लोगों की खोज करनी चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
नई दिल्ली। ‘‘पद्म पुरस्कारों से से सम्मानित लोगों की सूची में इस बार ऐसे गुमनाम चेहरे शामिल थे, जो लोकप्रियता की चकाचैंध से दूर समाज में अपना योगदान दे रहे हैं। आज जिस तरह केंद्र सरकार आम आदमी को खास सम्मान दे रही है, उसी तरह हम सभी को अपने जीवन में ऐसे लोगों की खोज करनी चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।‘‘ यह विचार महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने वरिष्ठ पत्रकार एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित राम सुंदर कुमार की पुस्तक ‘मानुष जनम अमोल‘ के लोकार्पण समारोह के दौरान व्यक्त किए। नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने की। भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी एवं प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु संत डॉ. पवन सिन्हा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए।
श्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि पत्रकारिता का मतलब तलवार की धार पर चलना है और जब आप किसी मिशन के साथ मीडिया में काम करते हैं, तो ये रास्ता और भी कठिन हो जाता है। पत्रकारों को हमेशा याद रखना चाहिए कि समाज के प्रति उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र के राज्यपाल के अनुसार लेखनी तब धन्य होती है, जब वो महापुरुषों का गुणगान करती है। समाज के उत्थान के लिए काम कर रहे मौन साधकों पर लिखना बेहद कठिन काम है। एक मुनष्य के रूप में बल्देव भाई हम सभी के लिए जितने अनमोल हैं, समाज के लिए उन पर केंद्रित यह पुस्तक भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता को कई परिवर्तनों से गुजरना पड़ा है। पहले समाचार प्राप्त करने में बड़ा समय लगता था, लेकिन आज मिनटों में सोशल मीडिया के माध्यम से समाचार वायरल हो जाता है। उन्होंने कहा कि बल्देव भाई शर्मा मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के संवाहक रहे हैं। उन्होंने अपने मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया और पूरा जीवन समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। राज्यपाल ने युवाओं को सलाह दी कि अगर आप ईमानदारी के साथ कर्तव्य निभाएंगे, तो सफलता अवश्य मिलेगी।