भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन का नेतृत्व करने वाली मेधा पाटकर ने दावा किया है कि सरदार सरोवर डैम से पानी का रिसाव हो रहा है। मेधा पाटकर ने यह बात डैम सेफ्टी पैनल की रिपोर्ट के हवाले से कही है। उन्होंने ये भी कहा कि ये डैम की सुरक्षा के लिए खतरा है। और उसके साथ ही मध्यप्रदेश समेत 7 राज्यों के लिए बड़ी चुनौती है। यह निर्माण में भ्रष्टाचार को उजागर करता है। जहां नहर नहीं बनाई जानी थी, वहां गुजरात में बनाई गई। जिसका मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र ने विरोध किया था। नहर बनने से वहां ज्यादा पानी की बर्बादी हुई है।
उन्होंने कहा कि आज माँ नर्मदा सूखी पड़ी है। बड़वानी और आसपास के गांवों के लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आगे जानकारी देते हुए कहा कि 24 अगस्त को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की बैठक होने वाली है। इसमें गुजरात ने प्रस्ताव रखा है कि सरदार सरोवर की दीवार से बड़े पैमाने पर पानी रिसने के कारण बांध का पानी कम किया जाए। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिली, तो गुजरात नहरों का संचालन शुरू कर देगा। इससे मध्य प्रदेश में नर्मदा के जलस्तर पर बुरा असर पड़ेगा।
मेधा पाटकर ने कहा कि बांध बनाने का उद्देश्य अब तक पूरा नहीं हो सका। प्रदेश को पुनर्वास और बिजली उत्पादन का फायदा नहीं मिल रहा है। वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े देवी सिंह पटेल ने कहा कि हम 36 साल से जो आशंका जता रहे थे, वह सच साबित हो रही है। कई जगह नर्मदा का प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब सवाल नर्मदा के अस्तित्व को बचाने का है।