देहरादून: दो विषयों में फेल रहने वाले विद्यार्थियों को अब अंक सुधार परीक्षा का मौका मिलने जा रहा है। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत यह निर्णय लिया जा रहा है।
रावत ने कहा कि बच्चों पर बस्तों का बोझ कम करने के लिए गंभीरता से कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में बच्चों के बस्ते स्कूलों में ही रखने की व्यवस्था हो, इस पर भी विचार चल रहा है।
इसके अलावा एक दिन छात्र बिना बस्ते के स्कूल जाएं और इस दिन केवल कृषि, योग समेत अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। रावत ने कहा कि बच्चों के बस्ते का बोझ 50 प्रतिशत कम करने की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ रही है। नई शिक्षा नीति के तहत वैसे भी अब साल में छह-छह माह के दो सेमेस्टर हो गए हैं। ऐसे में बच्चों को प्रति सेमेस्टर के हिसाब से किताबें दी जा सकती हैं।
कहा कि उच्च शिक्षा में प्रयास किया जा रहा है कि प्रवेश, परीक्षा व परिणाम का एक कैरिकुलम हो। साथ ही दीक्षा समारोह का भी एक ही फ्रेमवर्क होना चाहिए। इस बारे में कुलाधिपति एवं राज्यपाल से एक दौर की बातचीत हो चुकी है।