देहरादून: रजिस्ट्री आफिस में जमीनों के रिकॉर्ड में हुई हेराफेरी की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी गठित कर दी है. रिटायर्ड आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित एसआईटी में डीआईजी पी रेणुका देवी और वित्त सेवा के अफसर अतुल कुमार शर्मा को शामिल किया गया है.
सचिव वित्त दिलीप जावलकर की ओर से आदेश किए गए. एसआईटी जिले के अभिलेखागार के संपूर्ण अभिलेखों की जांच करने के साथ ही इस मामले में दर्ज हुए मुकदमे की भी मानिटरिंग करेगी. एसआईटी फर्जीवाड़े में दोषी कर्मचारियों को चिह्नित करने और उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करने का भी काम करेगी.
राज्य में जमीनों के रिकॉर्ड में दुबारा इस तरह की हेराफेरी और फर्जीवाड़ा न हो इसके लिए प्रभावी व्यवस्था लागू करने के लिए अपने सुझाव भी सरकार को देगी. आदेश में कहा गया है कि एसआईटी क्रमिनल इंवेस्टिगेशन शुरू होने की स्थिति में मामले का अनुश्रवण भी करेगी. एसआईटी का कार्यकाल चार महीने का होगा, हालांकि जरूरत पड़ने पर सरकार इसका कार्यकाल समय समय पर बढ़ा भी सकेगी.
डीएम ने सदर तहसील के दो पेशकारों पर की कार्रवाई
जिलाधिकारी सोनिका ने सदर तहसील का औचक निरीक्षण किया. रिकार्डरूम की व्यवस्थाएं जांचीं. पटवारियों की गैर मौजूदगी और कार्यों में लापरवाही पर दो पेशकारों को प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के निर्देश दिए. यहां दो सीएससी में रेट लिस्ट न पाये जाने पर संचालकों की आईडी अगले आदेश तक बंद कर दी है .
डीएम ने अगले तहसील सदर में कैम्प आयोजित करते हुए अविवादित विरासतन मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए. उन्होंने तहसील दिवस के बावजूद कुछ पटवारियों द्वारा फील्ड में होने तथा तहसील दिवस में उपस्थित न रहने पर कड़ी नाराजगी जताई. सभी पटवारी को एवं अनिवार्य रूप से तहसील में बैठने के निर्देश दिए. जो पटवारी निर्धारित दिवसों में तहसील में उपस्थित नहीं रहेंगे उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए. एसडीएम सदर को तहसील में आवंछित तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए विधिक कार्यवाही के निर्देश दिए. तहसीलदार एवं अपर तहसीलदार न्यायालय के निरीक्षण में न्यायालय प्रक्रिया का ठीक प्रकार से अनुपालन न होने तथा पत्रावलियों का रखरखाव ठीक से न होने पर सम्बन्धित पेशकारों को प्रतिकूल प्रवृष्टि के निर्देश दिए.