दिल्ली। क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस की कमान संभाल ली है। तमाम उतार-चढ़ाव और राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू को पीसीसी की कमान सौंपा। आज जब सिद्धू ने कांग्रेस की कमान संभाली तो वह आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे। जब उन्हें भाषण के लिए बुलाया गया तो उन्होंने पहले भगवान को याद किया। फिर क्रिकेट शॉट मारने का एक्शन किया। लेकिन आज भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच के रिश्ते को लेकर चर्चा गर्म है। भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू एक साथ नजर आए हो लेकिन तल्खघ्यिां कम नहीं हुई है।
इस बात का अंदाजा तब लगा जब एक बार फिर से सिद्धू के साथ अपने रिश्ते पर बोलते हुए अमरिंदर ने बड़ा बयान दे दिया। कैप्टन अमरिंदर ने भाषण देते हुए कहा कि सिद्धू का जब जन्म हुआ था तो मैं सेना में सेवा दे रहा था। सिद्धू के पिता पटियाला कांग्रेस के प्रधान रहे और वही मुझे राजनीति में लेकर आए थे। सोनिया गांधी ने जब कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे और आप लोगों को साथ काम करना होगा तो मैंने उन्हें कह दिया था कि आपका जो फैसला होगा उसे हम मंजूर करेंगे। खबरें ये भी हैं कि आज प्रधान बनते ही सिद्धू ने कैप्टन को देखकर नजरें फेर ली थी। लेकिन पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू का आवाज देकर वापस बुलाया और कैप्टन से मुलाकात करवाई।
आपको बता दें कि सिद्धू ने कांग्रेस की कमान संभालने के बाद कहा कि कार्यकर्ता से ही पार्टी होती है। हम कार्यकर्ताओं की आवाज सुनेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली महंगी क्यों खरीदी जा रही है? क्यों चोरों की चोरी पकड़ी ना जाए? उन्होंने कहा कि मैं सबको साथ लेकर चलना चाहता हूं। मेरी चमड़ी मोटी है और मेरा मिशन भी एक है। इस मौके पर सिद्धू ने कहा कि हालात के आगे सिकंदर कभी नहीं झुकता। बिना कार्यकर्ता के पार्टी नहीं होती है। लोगों के हक के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे। सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखता हूं।