ऋषिकेश: रविवार को श्रीनगर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण ऋषिकेश में गंगा के जलस्तर में भारी वृद्धि हो गई थी। जबकि सोमवार को गंगा का जलस्तर करीब एक मीटर नीचे आ गया है। चीला जल विद्युत गृह में अभी तक विद्युत उत्पादन आरंभ नहीं हो पाया है।
रविवार को अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने तथा अलकनंदा में भारी मात्रा में सिल्ट आने के कारण श्रीनगर बांध से करीब 2000 से 3000 कॉमिक्स पानी छोड़ दिया गया था। देवप्रयाग में भागीरथी तथा अन्य सहायक नदियों के मिलने से गंगा का जलस्तर में भारी वृद्धि हो गई थी। जिससे ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा 339.50 से 10 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया था। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट सहित आसपास क्षेत्र के सभी घाट जलमग्न हो गए थे।
बताया जा रहा है कि रात्रि 10 बजे के बाद गंगा के जलस्तर में कमी आने लगी। रात 9 बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से एक मीटर नीचे 338.50 मीटर पर पहुंच गया था। रविवार को गंगा का जलस्तर बढ़ने और भारी मात्रा में सिल्ट व बोल्डर आने के कारण बैराज जलाशय में गेट खोल कर फ्लड को पास किया गया। जिससे चीला विद्युत गृह में दोपहर 12 बजे के बाद विद्युत उत्पादन ठप हो गया था। अभी भी गंगा में सिल्ट की मात्रा अत्यधिक बड़ी हुई है, जिससे फिलहाल चीला जल विद्युत गृह में विद्युत उत्पादन सुचारू नहीं किया जा सका है।