जोशीमठ: जोशीमठ आपदा के शिकार दोनों होटलों को अब एक साथ तोड़ा जाएगा। अब तक होटल मलारी इन को पहले तोड़ने की योजना थी क्योंकि यह होटल दूसरे होटल की ओर लटक रहा था लेकिन अब होटल माउंट व्यू भी होटल मलारी-इन की ओर झुकने लगा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों होटलों को अलग-अलग तोड़ने पर भारी नुकसान हो सकता है। वैज्ञानिकों ने रणनीति में बदलाव करते हुए अब फैसला किया है कि दोनों होटलों को एक साथ तोड़ा जाएगा, वहीं दोनों होटल के मलबे को अगले सात से 10 दिनों में हटा लिया जाएगा।
इन दोनों होटलों को तोड़ने की जिम्मेदारी सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों को दी गई है। जिम्मेदारी मिलने के बाद वैज्ञानिक किसी एक्शन से पहले स्थिति और परिस्थिति का मुआयना कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अभी तक होटल मलारी-इन होटल माउंट व्यू की ओर झुक रहा था। ऐसे में रणनीति बनाई गई थी कि पहले होटल मलारी-इन को तोड़ दिया जाए। उसके बाद खतरे का आंकलन करते हुए होटल माउंट व्यू को तोड़ा जाएगा लेकिन बीते तीनों में होटल माउंट व्यू भी काफी हद तक होटल मलारी-इन की ओर झुक गया है। ऐसे में अब आशंका है कि किसी एक होटल को तोड़ा जाएगा तो दूसरा अपने आप प्रभावित होगा और इससे बड़ा नुकसान हो सकता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक दोनों होटलों की दीवारों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं। छतें दरकने लगी हैं, जमीन धंस रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे हालात में जल्द से जल्द दोनों होटलों को गिराना होगा। देरी करने पर खतरा और बढ़ सकता है, वहीं अपने से ध्वस्त होने से पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो सकता है। इसी के साथ वैज्ञानिकों ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि दोनों होटलों को एक साथ और तत्काल तोड़ना होगा।
सीबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डीपी कानूनगो ने बताया कि होटलों को गिराने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग किया जाएगा। विशेष तकनीक का उपयोग करने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाना है जिसके लिए प्रशिक्षित लोगों को काम पर लगाया गया है।