क्या है वास्तु शास्त्र में चांदी के हाथी का महत्व, जानिये

Prashan Paheli

वास्तु शास्त्र: चांदी एक शुभ धातु मानी जाती है। हाथ शुभ पशुओं में शामिल किया जाता है। जब दो शुभ वस्तुओं का मिलन होता है तो घर में खुशियों की बारिश होना तय है। चांदी का हाथी घर में शुभ समाचार लाता है, धन की दिक्कतें दूर करता है, सफलता के दरवाजे खोलता है। संपदा में वृद्धि करता है। परस्पर रिश्तों में मिठास लाता है। घर को अनैतिकता से दूर रखता है। घर में सात्विक्ता और पवित्रता का वातावरण बनता है। वास्तु शास्त्र में हाथी को घर के लिए सौभाग्यशाली बताया गया है। घर की उत्तर दिशा में छोटी सी ठोस चांदी की हाथी मूर्ति रखने से घर में सुख शांति और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। इससे भगवान गणपति और मां लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद मिलता है।

घर में हाथी रखने वाले व्यक्ति की इच्छाशक्ति मजबूत होती है। संतान प्राप्ति होती है। बौद्धिक विकास होता है। सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है। हाथी बहुत समझदार प्राणी है, इसकी लंबी आयु, बड़े कान और धैर्य इसे महत्वपूर्ण बनाते हैं। हाथी शक्ति, लंबी आयु, निष्ठा, ज्ञान औऱ धैर्य का जीता जागता प्रमाण है। घर की उत्तर दिशा में हाथी का जोड़ा रखने से पॉजिटिव एनर्जी आती है और धन लाभ होता है।

अगर कुंडली में पांचवें या बारहवें स्थान पर राहु बैठा हो तो घर में हाथी की मूर्ति रखने से राहु शांत होता है। घर में चांदी के हाथियों का जोड़ा रखने से धन के नए नए स्त्रोत खुलते हैं और करियर तथा व्यापार में तरक्की की संभावनाएं बनती हैं। अगर हाथी की मूर्ति को स्टडी रूम में रखा जाए तो बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है औऱ मस्तिष्क में एकाग्रता आती है। हाथी के जोड़े की मूर्ति को मुख्य द्वार के बिलकुल सामने रखा जाए तो धन के रास्ते घर तक आते हैं, ऐसा वास्तु कहता है। बेडरूम में हाथी की मूर्ति जोड़े में रखी जाए तो पति पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है। हाथी की मूर्ति दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं रखनी चाहिए। अगर धन लाभ के लिए घर या दुकान में हाथी की मूर्ति रख रहे हैं तो हाथी की सूंड ऊपर की ओर उठी हुई होनी चाहिए।

Next Post

मुख्यमंत्री धामी ने विद्यालयों में अपणों स्कूल, अपणू प्रमाण नामक पहल के तहत आवश्यक प्रमाण-पत्र उपलब्ध करवाने के दिए निर्देश

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्य के समस्त विद्यालयों में कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत स्थायी निवास, जाति एवं आय तथा अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र विद्यालय में ही […]

You May Like