सीएम जय राम ठाकुर ने अपनी चुनावी सभा में कांग्रेस नेताओं को चेताया है कि उनके पास कांग्रेस नेताओं के काले चिठ्ठे हैं। वह खुल गये तो कांग्रेस नेताओं को मुशिकल होगी। लिहाजा थोडा संयम रखें। उन्होंने कहा कि हम शालीन हैं। ऐसा नहीं करेंगे। शालीनता से ही चुनाव अभियान चलायेंगे। लेकिन उनका यह बयान कांग्रेस पार्टी को नागवार गुजरा है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में जैसे होने वाले चुनावों की तारीख नजदीक आती जा रही है। वैसे ही अब प्रदेश में सियासी महौल गरमाने लगा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर इन दिनों आक्रामक हो गये हैं व अपनी चुनावी सभाओं में कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमले बोल रहे है। जिससे प्रदेश में राजनैतिक महौल गरमाने लगा है।
सीएम जय राम ठाकुर ने अपनी चुनावी सभा में कांग्रेस नेताओं को चेताया है कि उनके पास कांग्रेस नेताओं के काले चिठ्ठे हैं। वह खुल गये तो कांग्रेस नेताओं को मुशिकल होगी। लिहाजा थोडा संयम रखें। उन्होंने कहा कि हम शालीन हैं। ऐसा नहीं करेंगे। शालीनता से ही चुनाव अभियान चलायेंगे। लेकिन उनका यह बयान कांग्रेस पार्टी को नागवार गुजरा है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की बयानबाजी का विरोध जताया है।
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एक अन्य जनसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी कहती हैं कि कारगिल का युद्ध तो कोई युद्ध ही नहीं था, पाकिस्तान की सेना के कुछ जवानों ने भारत की सीमा में घुस कर कब्जा करने की कोशिश की थी। उसमें ब्रिगेडियर ने क्या कर दिया। मुख्यमंत्री कहा कि यह बात उन्हें खराब लगी। जयराम ने कहा कि कारगिल युद्ध में अकेले हिमाचल के 52 सैनिक कुर्बान हो गए और कांग्रेस उसको छोटी सी लड़ाई कह रही है। कारगिल युद्ध में देश के हजारों सैनिक शहीद हो गए। ऐसे में अगर सेना के जवानों पर ऐसी टिप्पणी होती है तो इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र से ब्रिगेडियर कुशाल ठाकुर भाजपा के प्रत्याशी हैं। यह वही उम्मीदवार हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध जीतने में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई थी। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं, जो मिलकर हिमाचल का विकास कर सकती हैं। इसलिए कांग्रेस उपचुनाव में कौन से परिवर्तन की बात कह रही है।
कुशाल ठाकुर ने कहा कि कारगिल युद्ध पर प्रतिभा सिंह का बयान उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। कारगिल युद्ध विश्व की सबसे ऊंची जगह 18 हजार से अधिक फीट की ऊंचाई पर हुई थी। यह कोई छोटी लड़ाई नहीं थी। इसमें देश के 527 रणबांकुरों ने शहादत दी थी और कुल्लू-मंडी के 13 वीरों ने भी अपने प्राणों की शहादत दी है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा सिंह को जनता जवाब देगी।