देहरादून: एक बार फिर धामी मंत्रिमंडल के विस्तार या फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है। पहले कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से खाली हुई एक सीट को भरने की चर्चा और अब वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के मारपीट प्रकरण के बाद मंत्रिमंडल में बदलाव के भी अंदरखाने चर्चा हो रही है। हालांकि इन सब पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव का कनेक्शन भी जुड़ा है। ये माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद ही इन सब पर फैसला हो पाएगा।
कैबिनेट में पहले से ही खाली चल रही तीन सीटों के बाद अब चंदनराम दास के निधन से एक सीट ओर रिक्त हो गई। जिसके बाद कैबिनेट की खाली कुर्सियों की संख्या चार हो गई। अब इन सीटों को भरने के लिए अंदरखाने चर्चा तेज हो गई है। हालांकि इस बात पर सबकी निगाहें लगी हैं कि सीएम धामी एक खाली सीट को ही फिलहाल भरते हैं या फिर तीन अन्य सीटों पर भी नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपते हैं। इतना ही नहीं कैबिनेट का विस्तार होता है या फिर बदलाव की कुछ आशंका है।
मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के मारपीट प्रकरण से सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। विपक्ष के लगातार विरोध और सोशल मीडिया में जिस तरह मंत्री के खिलाफ लोगों की ओर से गुस्से का इजहार हो रहा है, उससे मंत्री पर इस्तीफे का दबाव बना हुआ है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल के दूसरे सदस्यों पर भी परफोर्मेंस का दबाव बना हुआ है। ऐसे में धामी मंत्रिमंडल में नए चेहरों की एंट्री की भी चर्चा तेज है। उत्तराखंड की सरकार में सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा सात चेहरे मंत्री पद की कुर्सी संभाले हुए हैं। इनमें गढ़वाल मंडल से सतपाल महाराज, धन सिंह रावत पौड़ी जिले, सुबोध उनियाल टिहरी, गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाल देहरादून,कुमाऊँ मंडल से रेखा आर्य अल्मोड़ा जिले और सौरभ बहुगुणा तराई के उधमसिंह नगर जिले से मंत्री हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री धामी पर सभी जातीगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की चुनौती है।