उपचुनाव में जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी, कमलनाथ उनसे जवाब तलब करेंगे। और इसके साथ ही इन नेताओं से कहा गया है कि वे हार के कारणों की जानकारी लिखित में लेकर आएं।
भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद आलाकमान ने मंथन का दौर शुरू कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार 9 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इसमें उम्मीदवारों के साथ चुनाव प्रभारियों, सह प्रभारियों और समन्वयकों को भी बुलाया गया है। बैठक में हार के कारणों को तलाशा जाएगा। बैठक में चुनाव प्रभारियों पर गाज गिर सकती है।
दरअसल बैठक में फीडबैक के आधार पर कुछ नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। इस उपचुनाव में कांग्रेस को अपनी दो पारंपरिक सीटें गंवानी पड़ी। इसके साथ ही खंडवा लोकसभा क्षेत्र में पूरा जोर लगाने के बाद भी पार्टी को सफलता हाथ नहीं लगी।
आपको बता दें कि उपचुनाव को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था। और कांग्रेस नेताओं को सकारात्मक नतीजों की पूरी उम्मीद थी। कांग्रेस के पास महंगाई, बेरोजगारी, आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार व अन्य मुद्दे भी थे, लेकिन कांग्रेस न मुद्दों को भुना पाई और न ही बीजेपी सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का कांग्रेस को ज्यादा फायदा मिला।
वहीं खंडवा में हार के बाद कांग्रेस प्रत्याशी राजनारायण सिंह खुलेआम अरुण यादव का नाम लेकर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में भी वही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। कमलनाथ ने यह बैठक ऐसे समय में बुलाई है, जब शनिवार को ही वह सोनिया गांधी से मिलकर उपचुनावों में हुई हार को लेकर चर्चा कर चुके हैं।
उधर उपचुनाव में जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी, कमलनाथ उनसे जवाब तलब करेंगे। और इसके साथ ही इन नेताओं से कहा गया है कि वे हार के कारणों की जानकारी लिखित में लेकर आएं।