देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मेघ बरस रहे हैं। वहीं, मैदानी इलाकों में आज चटक धूप खिली है। मौसम विभाग द्वारा राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, शुक्रवार के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हो चुका है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और देहरादून में कहीं-कहीं तेज गर्जना और बिजली चमकने के साथ भारी बारिश की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, 19 से 21 जुलाई तक प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन होने से सड़क और राजमार्ग अवरूद्ध हो सकते हैं।
मलबा आने से गंगोत्री हाईवे बंदरकोट और लालढांग के पास का रास्ता सुबह बंद हो गया है। बीआरओ की टीम रास्ता खोलने में जुटी है। बीती रात यमुनोत्री धाम में लगातार बारिश के कारण यमुना नदी और पास के नदी नाले उफान पर है। वहीं, राना चट्टी झर्झर गाड़ के बीच मलबा और बोल्डर आने से आवाजाही बंद हो गई। स्थानीय लोगों के साथ ही श्रद्धालु भी फंसे हैं।
प्रदेश में भारी बारिश के कारण विभिन्न पर्वतीय जिलों में जगह-जगह भूस्खलन और स्लिप आने से एक नेशनल हाईवे समेत 286 सड़कें बंद हैं। बुधवार शाम तक 51 सड़कें ही खुल पाईं थीं। सड़कों को खोलने के काम मेें 231 जेसीबी मशीनों को लगाया गया।
लोनिवि की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 214 सड़कें एक दिन पहले से बंद थीं। बुधवार को 123 सड़कें और बंद हुईं। कुल 337 बंद सड़कों में से बुधवार शाम तक 51 सड़कों को ही खोला जा सका था। लोनिवि के प्रमुख अभियंता दीपक यादव ने बताया कि प्रदेश में एक नेशनल हाईवे, 14 स्टेट हाईवे, चार मुख्य जिला मार्ग, चार जिला मार्ग, 123 ग्रामीण सड़कें और 140 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को खोलने की कार्रवाई की जा रही है।
प्रदेश में 15 जून से अभी तक कुल 2339 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इनमें से 2053 को खोल दिया गया है। जबकि 33 पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, इनमें से कुछ पुलों को आवागमन के लिए फौरी तौर पर बंद कर दिया गया है। लोनिवि के आकलन के अनुसार पुलों और सड़कों को पूर्वत स्थिति में लाने के लिए 16991.36 लाख रुपये के बजट की जरूर होगी।