धर्म-संस्कृतिः भगवान भोलेनाथ को सावन का पावन महीना बहुत प्रिय है। इस महीने को कई मान्यताएं मिली हैं। कहते हैं कि सावन महीने में भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर आते हैं और अपने अनुयायियों की हर इच्छा पूरी करते हैं। तीज-त्यौहार इस महीने विशेष महत्व रखते हैं, जैसे सावन में सोमवार व्रत बहुत शुभ माना जाता है। हरियाली तीज भी सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की व्यवस्था की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत करने से पति को लंबी आयु मिलती है और अखंड सौभाग्य मिलता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याएं भी कर सकती हैं। हरियाली तीज व्रत के प्रभाव से प्यारा जीवन साथी मिलता है और दाम्पत्य जीवन खुशहाल होता है।
कुंवारी लड़कियां इस विधि के साथ करें हरियाली तीज की पूजा
हरियाली तीज के दिन सुबह उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनना चाहिए। यदि संभव हो तो हरियाली तीज पर हरे रंग के कपड़े पहनें। अब माता पार्वती और भगवान शिव का ध्यान करते हुए निर्जला व्रत का संकल्प लें। एक चौकी पर गंगाजल और शुद्ध मिट्टी मिलाकर शिवलिंग, पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाएं। शिवजी को धतूरा, सफेद फूल, बेलपत्र, आम के पत्ते आदि चढ़ाएं। 16 श्रृंगार (सिन्दूर चढ़ाएं और सुहाग सामग्री) माता पार्वती को दें। शिव पुराण, शिव स्त्रोत, और शिव मंत्रों का जाप करें। हरियाली तीज की कहानी सुनें। शाम को भी इसी तरह मां गौरी और देवताओं की पूजा करें। संध्या के समय भगवान शिव की आरती करें। आरती के बाद खीर खाना चाहिए। देवी पार्वती और भगवान शिव के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
डेट और शुभ मुहूर्त
- तृतिया तिथि आरंभ- रात 8 बजकर 1 मिनट से (18 अगस्त 2023)
- तृतिया तिथि समापन- रात 10 बजकर 19 मिनट पर (19 अगस्त 2023)
- हरियाली तीज व्रत तिथि- 19 अगस्त 2023