अष्टमी पर बन रहा है अद्भुत संयोग

Prashan Paheli

 नवरात्रि : हर साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो गई है, जो 24 अक्टूबर तक चलेगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के बीच रहती हैं। लेकिन नवरात्रि की अष्टमी तिथि और नवमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अष्टमी तिथि के दिन जगत जनना और आदि शक्ति देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन में हर तरह की खुशियां आती हैं।

नवरात्रि की अष्टमी तिथि 21 अक्टूबर को रात 9:53 बजे शुरू होगी और 22 अक्टूबर को शाम 7:58 बजे समाप्त होगी। हालांकि उदया तिथि के अनुसार अष्टमी व्रत 22 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, करण योग, भद्रवास योग भी बन रहा है।

सर्वार्थ सिद्धि योग शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि जैसा शुभ योग बन रहा है। यह योग अष्टमी तिथि सुबह 6:26 बजे से शुरू होकर शाम 6:44 बजे तक रहेगा. इस समय माता रानी की पूजा करने से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

-रवि योग ज्योतिषीय गणना के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर रवि योग भी बन रहा है। योग शाम 6:44 बजे शुरू होगा और अगले दिन सुबह 6:26 बजे समाप्त होगा। इस दौरान माता रानी की पूजा करने से सभी शुभ कार्य सिद्ध होते हैं।

शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर करण योग बन रहा है, जो बेहद शुभ माना जा रहा है । इस योग में पूजा करने से मां की कृपा प्राप्त होती है।

भद्रवासा योग शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर भद्रवासा योग भी बन रहा है. हालांकि ये योग सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. इस योग में पूजा करना बहुत लाभकारी माना जाता है।

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