शिमला। हिमाचल प्रदेश में उप चुनावों के जरिये अपनी किस्मत आजमाने व राजनैतिक पारी की शुरूआत का मंसूबा पाले नेताओं को आज मायूसी हाथ लगी हे। चूंकि निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की फतेहपुर विधानसभा सीट और मंडी लोकसभा सीट में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला लिया है।
निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय राज्य के मुख्य सचिव की आपदा और फेस्टिवल सीजन की दलील को देखते हुए लिया है। मंडी और कांगडा जिला की फतेहपुर सीट को खाली हुए छह महीने का समय पूरा हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने के लिए बाध्य था। इसी साल फरवरी में दुनिया को अलविदा कहने वाले पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया कांगड़ा जिले में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। उनके निधन से सीट खाली हुई थी।
अब आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल पश्चिम बंगाल की एक सीट पर उपचुनाव कराएगा और बाकी सीटों के चुनाव निरस्त कर दिए हैं। वहीं नरेंद्र बरागटा के निधन से खाली हुई जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट और वीरभद्र सिंह के निधन से खाली हुई अर्की विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव की संभावना न के बराबर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में एक वर्ष से भी कम समय बचेगा। इस वजह से यह दोनों सीटें भी खाली रहने की संभावना है। भारत निर्वाचन आयोग मंडी लोकसभा क्षेत्र में कुछ रिलेक्सेशन के साथ उपचुनाव करवा सकता है क्योंकि लोकसभा के अगले चुनाव 2024 में होने हैं।