नई दिल्ली। केंद्र के मोदी सरकार डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क विकसित करने की योजना बना रही है। विश्व में ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। ई- रिटेलर्स के पास कई समस्याएं हैं जिसमें एक जिसमें एक चल रही एंटीट्रस्ट जांच, फ्लैश बिक्री पर एक प्रस्तावित प्रतिबंध और विभिन्न व्यापारियों के निकायों के बारहमासी विरोध शामिल हैं। भारत के 800 अरब डॉलर के खुदरा बाजार पर हावी होने के अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की महत्वकांक्षी को एक नई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का वाणिज्य मंत्रालय डिजिटल मार्केट में एकाधिकारवादी प्रथाओं को समाप्त करना चाहता है।
इससे पहले वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने कहा था कि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए सभी पहलुओं के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देना भी सरकार के उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी (व्छक्ब्) के जरिए उपभोक्ताओं के लिए ई-कॉमर्स को अधिक समावेशी और सुलभ होने की उम्मीद है।
वाणिज्य मंत्रालय की अगुवाई में ओएनडीसी डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक पहल है। कुल मिलाकर कहे तो यह ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर खुदरा विक्रेताओं रिटेलर्स के साथ ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से उत्पादों की आपूर्ति और वितरण में भी अहम भूमिका निभा सकता है। सरकार का कहना है कि ‘जैसा यूपीआई डिजिटल भुगतान डोमेन के लिए है, उसी तरह ओएनडीसी भारत में ई-कॉमर्स के लिए होगा।‘ इस पहल का उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करना और इसे प्लेटफॉर्म-केंद्रित मॉडल से एक ओपन-नेटवर्क मॉडल में स्थानांतरित करना है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि ओएनडीसी उत्पादों और सेवाओं दोनों के लिए काम करेगा।