2015 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू किया था। दरअसल, नीतीश कुमार ने 2015 के चुनाव प्रचार के दौरान बिहार के लोगों से शराबबंदी करने का वादा किया था।
पटना। बिहार में शराबबंदी है। बावजूद इसके जहरीली शराब से मौत की खबरें लगातार आ रही हैं। विपक्ष इसको लेकर नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साथ रहा है। इसी को लेकर नीतीश कुमार ने राजनीतिक दलों पर पलटवार किया है। नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी करने के बाद से कुछ लोग मेरे खघ्लिाफ हो गए हैं लेकिन हमने हमेशा लोगों की और महिलाओं की बात सुनी। लोग यह भूल गए हैं कि यह सर्वसम्मति से लागू हुआ है, इसमें किसी पार्टी का विरोध था क्या? सत्ता और विपक्ष दोनों की सहमति से लागू हुआ है।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि ‘राजनीतिक दलों को शराब पियोगे तो मरोगे‘ यही बात प्रचारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराब कितनी गंदी चीज है यह सभी लोग समझते हैं। शराबबंदी पर फिर से व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। इसी को लेकर नीतीश कुमार ने मंगलवार को बड़ी बैठक बुलाई है जिसमें शराब बंदी कानून की समीक्षा की जाएगी। हाल में ही गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से तकरीबन 40 लोगों की मौत की खबर थी। इसके अलावा कई और जिलों में इस तरह की खबरें लगातार आती रहती है।
2016 में लागू हुआ था शराबबंदी
2015 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू किया था। दरअसल, नीतीश कुमार ने 2015 के चुनाव प्रचार के दौरान बिहार के लोगों से शराबबंदी करने का वादा किया था। इसके बाद से बिहार में शराब पीना और बेचना दोनों प्रतिबंधित है। अगर कोई भी ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी सजा का भी प्रावधान है। हालांकि शराब पीने से मौत की खबरें भी लगातार आती रहती हैं।