विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद हिंदुत्ववादी ताकतें और अधिक आक्रामक हो गईं हैं: येचुरी

Prashan Paheli

कोलकाता। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को दावा किया कि चार राज्यों में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद हिंदुत्ववादी ताकतों की आक्रामकता बढ़ गई है।

उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का उद्देश्य भारत के इतिहास को फिर से लिखना और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को गहरा करना है। येचुरी ने यहां माकपा के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव के बाद हिंदुत्ववादी ताकतों की आक्रामकता बढ़ गई है।’’

उन्होंने दावा किया कि भारतीय इतिहास का भव्य विमर्श तैयार करने के लिए आरएसएस बहुत आक्रामक रुख अपना रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा ब्रिगेड का उद्देश्य भारतीय इतिहास के अध्ययन को केवल हिंदू पौराणिक कथाओं तक सीमित करना है। येचुरी ने हाल में रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा शासित कई राज्य फिल्म को टैक्स फ्री कर रहे हैं।

यह फिल्म 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है। कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में हुए आतंकवादी हमलों और घाटी से पंडितों के पलायन की निंदा करते हुए येचुरी ने कहा कि माकपा उनके पुनर्वास के लिए काम करने वालों में सबसे आगे थी।

माकपा महासचिव ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस द्वारा लोगों का ध्यान आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी के मुद्दों से दूर रखने के लिए धार्मिक विभाजन को उजागर किया जा रहा है। येचुरी ने दावा किया कि हिजाब विवाद अनावश्यक रूप से केवल भारत के लोगों के बीच फूट पैदा करने के लिए शुरू किया गया।

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वह भाजपा की नीतियों को अपना रही है और इस तरह से काम कर रही है जो लोकतंत्र की पूरी तरह से ‘हत्या’ है।

उन्होंने दावा किया कि टीएमसी भाजपा शासित त्रिपुरा की तरह ही काम कर रही है, जहां माकपा कार्यकर्ताओं और पार्टी कार्यालयों पर हमला किया जा रहा है।

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