देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो साल के कार्यकाल में हाईकमान से कई बार मुलाकात की। लेकिन इस बार की मुलाकात कई मायने में खास है। मुख्यमंत्री का अब तक का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक यूनिफाॅर्म सिविल कोड को लेकर जहां पूरे देश भें चर्चा है तो वहीं मुख्यमंत्री के दूसरे कार्यकाल में पहली बार मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल और विस्तार की चर्चा है। ऐसे में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर मुख्यमंत्री उत्तराखंड पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनता से यूसीसी लागू करने का वादा किया। सत्ता में आते ही धामी ने पहली ही कैबिनेट में इसे पास करा कर एक विशेषज्ञ समिति बनाकर अपना पहला कदम बढ़ाया। अब समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है और कुछ ही दिनों में ड्रॉफ्ट सरकार को सौंपने जा रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने अपने हाईकमान पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर निर्देश प्राप्त किए। ये यहां पर बताना जरुरी है कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जो कि अपना यूसीसी ड्राफ्रट लागू करेगा। उत्तराखंड के ड्रॉफ्ट को केंद्र सरकार पेम्पलेट बनाकर भाजपा शासित राज्यों में भी लागू कराएगी इस तरह के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में ये सीएम धामी के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
लंबे समय से कैबिनेट की खाली पड़ी सीटोें पर मुख्यमंत्री कुछ नए चेहरों को मौका मिल सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी हर तरह से होमवर्क पूरा करने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार करेगे। सूत्रों का दावा है कि हाईकमान ने भी इसको लेकर हरी झंडी दे दी है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही होना तय माना जा रहा है। इसके अलावा कुछ मंत्रियों को हटाने की भी चर्चा है। जिनमें से कुछ विवाद तो कुछ लोकसभा चुनाव को देखते हुए दायित्व से मुक्त किए जा सकते हैं। सीएम पहुंचते ही मंत्रिमंडल विस्तार होने की चर्चा तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री हाईकमान से मिलने के बाद अपने दो साल के कार्यकाल में पहली बार कार्यकर्ताओं को भी सौगात देने जा रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष से मिलने के बाद दायित्वधारियों की आस भी पूरी होने की चर्चा तेज हो गई है। लंबे समय से भाजपा के सीनियर कार्यकर्ता दायित्वधारी का बनने का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि इस बार मुख्यमंत्री हाईकमान से दायित्वधारियों को जिम्मेदारी सौंपने पर भी मुहर लगवा कर ला सकते हैं।