देहरादून: उत्तराखंड का पहला बाल मित्र थाने का शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। डालनवाला कोतवाली में खोले गए इस बाल मित्र थाने के बाद अब प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी इस तरह के थाने खोलने की तैयारी की जा रही है।
डालनवाला कोतवाली में बाल मित्र थाने के उद्घाटन अवसर पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड पुलिस और बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सहित सभी को बधाई दी। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार बाल अधिकार संरक्षण और उनके विकास के लिए गंभीर और संवेदनशील हैं। सीएम ने कहा कि सज्जन लोगों को पुलिस मित्र की तरह लगनी चाहिए और बुरे लोगों को पुलिस का भय होना चाहिए। आज के बच्चे ही कल के उत्तराखंड और देश का भविष्य हैं। बच्चों को हमें अच्छे सांचे में ढालना चाहिए।
डीजीपी अशोक कुमार ने बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए संवेदनशीलता और गंभीरता से सहयोग करते हुए काम करने का आश्वासन और संदेश दिया। डीजीपी ने कहा कि बच्चों के मन से पुलिस का डर निकलना मकसद है। साथ ही प्रदेश के हर थाने को महिला फ्रेंडली थाना भी बनाया जाएगा।
बाल मित्र थाने में दो तरह के बच्चों के लिए माहौल बनाया जाएगा। इनमें किसी अपराध में आने वाले बाल अपराधियों को बेहतर माहौल देने का प्रयास होगा। साथ ही किसी अपराध में थाने पहुंचने वाली महिलाओं के छोटे बच्चों को इसमें रखा जाएगा। ऐसे बच्चे यहां खेल सकेंगे। बाल थाने में बालकों से संबंधित अपराधों और मामलों को देखा जाएगा।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम भी इस थाने से जुड़ी रहेगी। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि बाल थाने के लिए आयोग 13 लाख रुपये जारी कर रहा है। राज्य के सभी 13 जिलों में बाल थाने खोले जाएंगे। बालकों के खिलाफ अपराधों और मामलों को हैंडल करने के लिए संवेदनशीलता की अधिक जरूरत होती है। उनके मामलों को हैंडल करने के लिए अलग से थाना खोलकर बालकों के मामलों को प्रभावी और संवेदनशील तरीके से देखा जा सकेगा।
एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल मित्र थाना एक बहुत अच्छा कदम है। थानों में आने वाले बच्चे पुलिस से भयभीत न हों इसके लिए वहां पर माहौल बनाया गया है। डालनवाला के बाद सभी जगह इस तरह की व्यवस्था करने की तैयारियां चल रही हैं। इस मौके पर डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, डीएम आशीष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।