नयी दिल्ली। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर नजर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इसी बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तालिबान के बारे में मोदी सरकार का पोजिशन क्या है? वे आतंकवादी हैं या नहीं हैं? भारत अगर तालिबान को आतंकवादी मानता है तो क्या उनको यूएपीए की लिस्ट में शामिल करेगा ?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार क्यों शर्मा रही है ? पास आते भी नहीं, चिलमन से हटते भी नहीं। ये पर्दे से झांक झांककर क्यों मोहब्बत कर रहे हैं। खुलकर बोलिए ना। ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार को तालिबान को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के मामले में और देश की सुरक्षा के मामले में सरकार को जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि हम उनको हमारी सरजमीं में बुलाकर चाय पिलाते हैं, बिस्कुट और कबाव खिलाते हैं। इसी बीच पत्रकार ने एक सवाल पूछा लेकिन उन्होंने बीच में ही कहा कि पाकिस्तान अगर एडमिट कर रहा है तो आप भारत की सरजमीं में बुलाकर चाय-बिस्कुट खिलाएंगे ? ओवैसी ने कहा कि तालिबान और पाकिस्तान का ऐसा रिश्ता है, जो कभी समाप्त नहीं होने वाला है।
दरअसल, भारत ने पहली बार तालिबान के साथ बातचीत की थी। कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की थी।