जो किसान आंदोलन कर रहे, वे किसान नहीं, मवाली हैं: मीनाक्षी लेखी

Prashan Paheli

दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इन सब के बीच आज दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान नेताओं ने सांकेतिक किसान संसद का आयोजन किया। इसके बाद फिर से इसे लेकर राजनीति लगातार जारी है। इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह किसान नहीं मवाली हैं। मीनाक्षी लेखी ने आगे कहा कि वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया।
उन्होंने कहा कि लोगों के हित में जो फैसले हैं वह भारत सरकार करेगी। गलत नैरेटिव पर ज्यादा ऊर्जा व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह किसान नहीं है। किसानों के पास दिल्ली आकर प्रदर्शन करने का समय नहीं है। पेगासस मामले में मिनाक्षी लेखी ने कहा कि स्पाइवेयर मुद्दे में 10 देशों का नाम लिया गया है, लेकिन अन्य देशों के विपक्ष ने हमारे विपक्ष की तरह प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह एक ऐसी कहानी है जो मनगढ़ंत है और साक्ष्य रहित है। जब भी देश में कुछ सही और अच्छा होने वाला होता है, तो इस तरह का आचरण किया जाता है। इस तरह की कहानियां भारतीय संस्थानों को कमजोर करने और डेटा संरक्षण को रोकने के लिए चलाई जाती हैं। यह संरचनाओं की विश्वसनीयता के प्रति जनता को असंवेदनशील बनाने और हमारे देश की छवि खराब करने के लिए है।
उन्होंने आगे कहा कि एनएसओ ने इनकार किया है कि यह उनके ग्राहकों की सूची नहीं है और प्रचलन में सूची के बीच किसी भी संबंध का कोई पुष्ट प्रमाण नहीं है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस सूची का खंडन किया है और फिर भी, विपक्ष ने फर्जी खबरों के आधार पर सदन को बाधित करना जारी रखा है। आज टीएमसी के सदस्यों ने संसद में किया, वो बहुत शर्मनाक है। कांग्रेस और टीएमसी लगातार गलत नैरेटिव बना रही है। कुछ पीत पत्रकारिता करने वाले लोग भी उनका साथ दे रहे हैं।

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