देहरादूनः चार धाम यात्रा में केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के लिए घोड़े खच्चरों का संचालन किया जाता है। जो कि केदारनाथ यात्रा की रीढ़ मानी जाती है। पैदल मार्ग पर कई बार घोड़े खच्चरों को जबरन यात्रा में शामिल कर उनके साथ पशु क्रुरता की शिकायत भी सामने आती रहती है। जो कि पिछले सीजन में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इस वजह से कई पशुओं की पिछले सीजन में मौत भी हुई।
चारधाम यात्रा मार्गों पर घोड़े-खच्चरों को लेकर उत्तराखंड सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने निर्देश जारी कर साफ कहा कि यात्रा मार्ग में किसी भी कीमत में घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता न हो। इसकी निगरानी के लिए 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फोर्स तैनात किए गए हैं। साथ ही घोड़े-खच्चरों चिकित्सा सुविधा के लिए पशु चिकित्सक तैनात किए गए हैं।
जिसके बाद धामी सरकार ने इसे गंभीरता से लिया। इस बार पहले से ही पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की व्यवस्थाएं सुधारने की कोशिश की गई। बावजूद इसके कई जगह से पशु क्रुरता की शिकायतें आ रही है। जिस पर पशुपालन मंत्री सख्त हो गए हैं। इसके लिए मंत्री ने निर्देश जारी कर सख्त हिदायत दी है कि यात्रा मार्ग में किसी भी कीमत में घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता न हो। इसके साथ ही पशुपालन विभाग ने 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फोर्स तैनात किए हैं जो कि पैदल मार्गों पर पशुओं की निगरानी करेगा। पैदल मार्गों पर विभाग ने पशु चिकित्सक भी तैनात किए हैं, जिससे जानवरों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।